राजस्थान में 46 दिन से खाली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर खेमेबंदी तेज

जयपुर। केन्द्रीय नेतृत्व और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बीच खींचतान के चलते राजस्थान में भाजपा के प्रदेश अघ्यक्ष का पद 46 दिन से खाली पड़ा है। विधानसभा चुनाव से ठीक 6 माह पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर केन्द्रीय नेतृत्व और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बीच चल रही खींचतान से संघ से जुड़े पार्टी नेता नाखुश है। संघ से जुड़े भाजपा नेताओं ने अपनी बार आरएसएस के राष्ट्रीय पदाधिकारियों और भाजपा के केन्द्रीय नेताओं तक पहुंचाई है।राजस्थान में 46 दिन से खाली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर खेमेबंदी तेज

दरअसल,केन्द्रीय नेतृत्व के निर्देश पर अशोक परनामी ने 16 अप्रैल को प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था । परनामी के इस्तीफे के बाद केन्द्रीय नेतृत्व ने केन्द्र सरकार में कृषि राज्यमंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का नाम तय कर दिया था। लेकिन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे खुलकर शेखावत के विरोध में आ गई। मुख्यमंत्री के निर्देश पर केन्द्रीय मंत्री सी.आर.चौधरी सहित राज्य सरकार के आधा दर्जन से अधिक मंत्री,सांसद और विधायक दिल्ली जाकर राष्ट्रीय नेताओं से मिले। इन सभी ने शेखावत को अध्यक्ष बनाए जाने से प्रदेश के जातिगत समीकरण बिगड़ने की बात कही थी ।

इस मसले को लेकर वसुंधरा राजे खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मिली। हालांकि आरएसएस का प्रदेश नेतृत्व हमेशा से ही शेखावत के पक्ष में रहा है। वसुंधरा राजे के प्रबल विरोध के बाद केन्द्रीय नेतृत्व ने शेखावत को अध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा रोक दी। शेखावत के नाम की घोषणा रोके जाने के बाद से वसुंधरा राजे खेमा अपनी पसंद का अध्यक्ष बनवाने को लेकर लगातार सक्रिय है।

इस मुद्दे को लेकर मंगलवार को राज्य के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरूण चतुर्वेदी के निवास पर बैठक हुई,जिसमें गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया,ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री राजेन्द्र राठौड़,कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी और निर्वतमान अध्यक्ष अशोक परनामी शामिल हुए। इस बैठक में ब्राहम्ण नेता के रूप में चतुर्वेदी का नाम अध्यक्ष पद के लिए केन्द्रीय नेतृत्व के समक्ष भेजने को लेकर चर्चा हुई।

केन्द्रीय नेतृत्व द्वारा चतुर्वेदी के नाम पर मंजूरी नहीं दिए जाने की हालत में राज्यसभा सदस्य मदनलाल सैनी का नाम आगे किए जाने को लेकर भी रणनीति बनाई गई। इधर गजेन्द्र सिंह शेखावत ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि मुझे पार्टी जो भी काम देगी मै उसके लिए हमेशा तैयार हूं । पार्टी ने यदि कहा कि वनवासी कल्याण परिषद में काम करना है तो मै उसके भी तैयार हूं । 

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