राजस्थान विधानसभा चुनाव निकट आते देख कांग्रेस में शुरू हुई अंदर की राजनीति

जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव निकट आते देख कांग्रेस में आंतरिक राजनीति तेज होती जा रही है । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट की अगुवाई में हाल ही में सम्पन्न तीन उप चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों की भारी बहुमत से जीत के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का खेमा अधिक सक्रिय हो गया । गहलोत समर्थक पूर्व मंत्रियों,पूर्व सांसदों,विधायकों,पूर्व विधायकों सहित पार्टी के जिला अध्यक्षों को अपने पक्ष में लामबंद करने में जुटे हैं ।

जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव निकट आते देख कांग्रेस में आंतरिक राजनीति तेज होती जा रही है । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट की अगुवाई में हाल ही में सम्पन्न तीन उप चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों की भारी बहुमत से जीत के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का खेमा अधिक सक्रिय हो गया । गहलोत समर्थक पूर्व मंत्रियों,पूर्व सांसदों,विधायकों,पूर्व विधायकों सहित पार्टी के जिला अध्यक्षों को अपने पक्ष में लामबंद करने में जुटे हैं । गहलोत समर्थक नेताओं ने अप्रैल और मई माह में जयपुर और दिल्ली में शक्ति प्रदर्शन की रणनीति बनाई है । इसके तहत दिल्ली में गहलोत समर्थक पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से मिल सकते हैं । वहीं जयपुर में गहलोत के जन्म दिन पर 3 मई को एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित कर शक्ति प्रदर्शन किया जाएगा । कुछ दिनों पूर्व ही पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के सम्मान में चाय-पार्टी देकर गहलोत अप्रत्यक्ष रूप से शक्ति प्रदर्शन कर चुके हैं । इस चाय-पार्टी में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव डॉ.सी.पी. जोशी तो शामिल नहीं हुए,लेकिन गहलोत ने राज्य के अधिकांश वरिष्ठ कांग्रेसियों को एकत्रित कर पार्टी और प्रदेश में खुद की सक्रियता का संदेश दिया। करीब 8 माह बाद होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव को देखते हुए गहलोत ने अपने विश्वस्त नेताओं को प्रदेश में सक्रिय कर दिया है । ये नेता जिला स्तर पर पार्टी नेताओं का मन टटोलने में जुटे हैं । जिला स्तरीय नेताओं को यह समझाने का प्रयास किया जा रहा है कि प्रदेश में गहलोत की स्वीकार्यता अन्य किसी नेता के मुकाबले अधिक है । इन नेताओं को इस बात के लिए भी तैयार किया जा रहा है कि,यदि आवश्यकता हो तो वे दिल्ली जाकर पार्टी आलाकमान के समक्ष गहलोत के समर्थन में अपनी बात रख सकें । पूर्व सांसद महेश जोशी,पूर्व मंत्री राजेन्द्र पारीक,नसीम अख्तर,विधायक अशोक चांदणा,गोविंद सिंह डोटासरा और आरटीडीसी के पूर्व चेयरमैन रणदीप धनखड़ कांग्रेसियों को गहलोत के समर्थन में एकजुट करने में जुटे हैं । गहलोत समर्थकों को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट की प्रदेश संगठन और कार्यकर्ताओं में बढ़ती पकड़ को देखते हुए चिंता बढ़ गई है । तीन उप चुनाव में जीत के बाद पायलट और उनके समर्थकों का मनोबल पहले से अधिक बढ़ा है । पूर्व सांसद डॉ.हरि सिंह पीसीसी अध्यक्ष के रूप में पायलट को स्वभाविक रूप से सरकार आने पर मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार बताते हुए कहते हैं कि अब युवाओं के हाथ में सत्ता और संगठन की जिम्मेदारी सौंपने का समय आ गया है ।गहलोत समर्थक नेताओं ने अप्रैल और मई माह में जयपुर और दिल्ली में शक्ति प्रदर्शन की रणनीति बनाई है । इसके तहत दिल्ली में गहलोत समर्थक पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से मिल सकते हैं । वहीं जयपुर में गहलोत के जन्म दिन पर 3 मई को एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित कर शक्ति प्रदर्शन किया जाएगा । कुछ दिनों पूर्व ही पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के सम्मान में चाय-पार्टी देकर गहलोत अप्रत्यक्ष रूप से शक्ति प्रदर्शन कर चुके हैं । इस चाय-पार्टी में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव डॉ.सी.पी. जोशी तो शामिल नहीं हुए,लेकिन गहलोत ने राज्य के अधिकांश वरिष्ठ कांग्रेसियों को एकत्रित कर पार्टी और प्रदेश में खुद की सक्रियता का संदेश दिया। करीब 8 माह बाद होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव को देखते हुए गहलोत ने अपने विश्वस्त नेताओं को प्रदेश में सक्रिय कर दिया है ।

ये नेता जिला स्तर पर पार्टी नेताओं का मन टटोलने में जुटे हैं । जिला स्तरीय नेताओं को यह समझाने का प्रयास किया जा रहा है कि प्रदेश में गहलोत की स्वीकार्यता अन्य किसी नेता के मुकाबले अधिक है । इन नेताओं को इस बात के लिए भी तैयार किया जा रहा है कि,यदि आवश्यकता हो तो वे दिल्ली जाकर पार्टी आलाकमान के समक्ष गहलोत के समर्थन में अपनी बात रख सकें । पूर्व सांसद महेश जोशी,पूर्व मंत्री राजेन्द्र पारीक,नसीम अख्तर,विधायक अशोक चांदणा,गोविंद सिंह डोटासरा और आरटीडीसी के पूर्व चेयरमैन रणदीप धनखड़ कांग्रेसियों को गहलोत के समर्थन में एकजुट करने में जुटे हैं ।

गहलोत समर्थकों को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट की प्रदेश संगठन और कार्यकर्ताओं में बढ़ती पकड़ को देखते हुए चिंता बढ़ गई है । तीन उप चुनाव में जीत के बाद पायलट और उनके समर्थकों का मनोबल पहले से अधिक बढ़ा है । पूर्व सांसद डॉ.हरि सिंह पीसीसी अध्यक्ष के रूप में पायलट को स्वभाविक रूप से सरकार आने पर मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार बताते हुए कहते हैं कि अब युवाओं के हाथ में सत्ता और संगठन की जिम्मेदारी सौंपने का समय आ गया है ।

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