नोएडा सेक्टर-85 स्थित एक नाले में मंगलवार देर रात डेढ़ बजे तेज रफ्तार कार गिरने से युवती की डूबकर मौत हो गई। युवती फिल्म सिटी स्थित एफएम चैनल रेडियो मिर्च में ग्रुप मैनेजर सेल्स के पद पर कार्यरत थी। गुरुग्राम से लौटते समय युवती सेक्टर-137 में रह रहे अपने एक दोस्त के घर जा रही थी। दोनों अलग-अलग कार से थे। दुर्घटना थाना फेज दो अंतर्गत सेक्टर-85 पुलिस चौकी के सामने हुई है।
क्रेन से निकाली गई कार, पिछली सीट पर मिला शव थाना फेज दो प्रभारी सत्येंद्र राय ने बताया कि जिस वक्त दुर्घटना हुई, पुलिस चौकी के बाहर ही सिपाही मौजूद थे। दुर्घटना जहां हुई थी, ठीक उसी जगह पर ओम साईं नर्सरी भी है। नर्सरी मालिक बसंत और उसका दस साल का बेटा अमन नाले के किनारे ही सो रहे थे। नाले में कार गिरते ही पुलिस और लोग मौके पर पहुंच गए। सूचना पाकर फेज दो फायर स्टेशन से एफएसओ माम चंद बड़गूजर भी दमकल की दो गाड़ियों के साथ पहुंच गए। क्रेन बुलवाकर पूरी कार को बाहर निकाला गया। इसके बाद युवती को कार की पिछली से निकालकर नजदीक के यथार्थ अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
थाना प्रभारी ने बताया कि तान्या की कार से लैपटॉप व मोबाइल समेत तीन बैग मिले हैं। मामले में युवती के परिवार की तरफ से कोई शिकायत नहीं दी गई है। वह लोग अपनी कार साथ ले गए। बुधवार दोपहर पोस्टमार्टम के बाद युवती का शव परिजन को सौंप दिया गया है।
नाले में गिरते वक्त कार के चारों पहिये ऊपर हो गए थे। कार का अगला शीशा टूटने से गाड़ी में तेजी से पानी भरने लगा। डूबने से बचने के लिए तान्या ने पिछली सीट पर आ गई, लेकिन उसे बाहर निकलने का रास्ता नहीं मिला। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में तान्या की डूबने से मौत होने का पता चला है।
कोई चेतावनी बोर्ड नहीं लगा तान्या जिस गोलचक्कर के पास हादसे का शिकार हुई है, वहां सड़क किनारे ही बड़ा सा खुला हुआ नाला है। नाले किनारे कोई रेलिंग या दीवार नहीं बनी गई है। इसके अलावा गोल चक्कर की तरफ आने वाले वाहन चालकों को रफ्तार धीमी करने या अलर्ट करने के लिए दूर-दूर तक कोई चेतावनी बोर्ड भी नहीं लगा है। आसपास मौजूद लोगों ने बताया कि रात के वक्त पहली बार इधर की तरफ आने वाले कार चालक अक्सर गोल चक्कर पर सीधे टक्कर मार देते हैं। इसकी एक वजह गोल चक्कर की तरफ आने वाले दो प्रमुख मार्ग पर कुछ दूरी पर बनी ऊंची पुलिया भी है। इस वजह से वाहन चालकों को दूर से गोल चक्कर नजर नहीं आता है। इसके अलावा गोल चक्कर के चारों तरफ की सड़क सही से समतल नहीं है। जगह-जगह पैच वर्क हैं। इस वजह से गोल चक्कर पर गाड़ी हिचकोले लेती है। ऐसे में रफ्तार ज्यादा होने या गोल चक्कर से अनजान होने पर गाड़ी के अनियंत्रित होने का खतरा काफी बढ़ जाता है।