पंजाब: महिला आयोग के आदेश से खलबली, मंत्रियों व अफसरों पर लगाई बड़ी पाबंदी

पंजाब महिला आयोग के नए निर्देश से राज्‍य के मंत्रियों और अफसरों में खलबली मच गई है। पंजाब महिला आयोग की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी ने कहा है कि मंत्री व अधिकारी ऑफिस टाइम के बाद महिला कर्मचारियों को दफ्तर में न बुलाएं। अगर ऐसा जरूरी है तो उनके साथ कोई दूसरी महिला भी जरूर हो। इस दौरान महिला के साथ वेतन और अप्रेजल संबंधी कोई बात न करें जो यह संकेत करता हो कि आप उसके पक्ष में कुछ कर सकते हैं।पंजाब: महिला आयोग के आदेश से खलबली, मंत्रियों व अफसरों पर लगाई बड़ी पाबंदी

कहा- मंत्री व अफसर ऑफिस टाइम के बाद महिला को दफ्तर में न बुलाएं मंत्री और अधिकारी

मनीषा गुलाटी ने यौन उत्‍पीड़न संबंधी 2013 के निर्देशों को सोमवार को फिर से जारी किया। गुलाटी ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के विदेश से लौटने पर वह तकनीकी शिक्षा मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी के मामले के संबंध में पूरी डिटेल लेंगी। इसके बाद ही कोई कार्रवाई करेंगी।

बता दें कि पंजाब में मंत्री चन्नी द्वारा एक महिला आइएएस अफसर को आपत्तिजनक मैसेज का मामला तूल पकड़ा हुआ है। मनीषा गुलाटी ने कहा कि वह इस मामले का संज्ञान नहीं ले सकतीं क्योंकि इसमें शिकायतकर्ता कोई नहीं है और न ही उसके बारे में कोई जानकारी है। अगर आज वह पुलिस अधिकारी से रिपोर्ट मांगें तो क्या कहेंगी कि उन्हें कैसी रिपोर्ट चाहिए? जब उनसे पूछा गया कि पिछले एक हफ्ते से इस मामले ने तूल पकड़ा हुआ है और आयोग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा तो उन्होंने कहा कि आयोग तभी कार्रवाई करेगा जब कोई शिकायत आएगी।

जरूरत पडऩे पर मंत्री व अफसर के बयान दर्ज होंगे

गुलाटी ने कहा कि अभी शिकायत सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिह के पास गई है। उनके विदेश से लौटते ही वह उनसे बात करेंगी और अगर जरूरत पड़ी तो संबंधित महिला अधिकारी और मंत्री के बयान दर्ज किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि न तो मंत्री उनके रिश्तेदार हैं और न ही वह महिला आइएएस अधिकारी। अगर जरूरत हुई तो वह एक्शन जरूर लेंगी।

आशा कुमारी के बयान से जताई सहमति

कांग्रेस के पंजाब मामलों की प्रभारी आशा कुमारी के बयान से गुलाटी ने भी सहमति जताई। आशा कुमारी ने कहा था कि चन्नी द्वारा मैसेज भेजने का मामला मी-टू में नहीं आता। गुलाटी ने कहा कि अगर मैसेज अश्लील है तभी कार्रवाई बनती है।

महिला अायाेग को दी शिकायतें कई ब्लैकमेलिंग के लिए भी की गईं

मनीषा गुलाटी ने कहा कि मी-टू प्रकरण के बाद आयोग के पास शिकायतें बढ़ गई हैं, लेकिन पाया गया कि कई शिकायतें महिलाओं द्वारा ब्लैकमेल करने के लिए भी की गई। ऐसे मामलों में जब भी उनकी शिकायतों संबंधी पुलिस से रिपोर्ट मांगी जाती है तो महिलाएं ही भाग जाती हैं।

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