पंजाब कैबिनेट का फैसला: राजस्व जुटाने के लिए 17 वस्तुओं पर स्टांप ड्यूटी बढ़ी

प्रदेश के लिए राजस्व संसाधन जुटाने के उद्देश्य से पंजाब मंत्रिमंडल ने इंडियन स्टांप एक्ट-1899 की अनुसूची 1-ए में संशोधन करते हुए स्टांप ड्यूटी की दरों में बढ़ोतरी संबंधी अध्यादेश को मंजूरी दे दी। इस संशोधन के तहत 65 में से 17 सेवाओं के लिए स्टांप ड्यूटी की दरें दोगुनी हो जाएंगी। हालांकि जायदाद की रजिस्ट्री की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पंजाब कैबिनेट का फैसला: राजस्व जुटाने के लिए 17 वस्तुओं पर स्टांप ड्यूटी बढ़ी

सरकारी सूत्रों के मुताबिक वर्तमान में पंजाब को स्टांप ड्यूटी से 50 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता है। स्टांप ड्यूटी की दरों में बढ़ोतरी के फैसले के बाद सरकार को अब 100 -150 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में कैबिनेट मीटिंग में इस बात पर भी चर्चा हुई कि भले ही नई दरें पड़ोसी राज्य की अपेक्षा अधिक हैं, लेकिन राज्य के लिए अति अपेक्षित राजस्व पैदा करने के लिए यह वृद्धि जरूरी है।

 कैबिनेट को बताया गया कि स्टांप ड्यूटी की दरों में आखिरी संशोधन वर्ष 2009 में किया गया था। नई दरों के संशोधन संबंधी अध्यादेश को अंतिम रूप देने के लिए कानूनी और प्रशासकीय मामलों के विभाग के बाद मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा जाएगा।

 एफिडेविट और नोटरी सेवाएं हुई महंगी
 इन 17 वस्तुओं/सेवाओं पर स्टांप ड्यूटी की दरों में किया गया है बदलाव
– एडमिनिस्ट्रेशन बांड जो 1000 रुपये से अधिक राशि के हों, उन पर मौजूदा शुल्क 50 रुपये को बढ़ाकर 100 रुपये किया गया है।
– एडॉप्शन डीड के लिए शुल्क 500 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये किया गया।
– किसी व्यक्ति द्वारा की जाने वाली घोषणा संबंधी एफिडेविट का शुल्क 25 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये किया गया।
– एग्रीमेंट या एमओयू जो एक्सचेंज संबंधी बिल की बिक्री से संबंधित हों, उनके लिए अब 500 रुपये की बजाए 1000 रुपये शुल्क, किसी अनिगमित कंपनी या अन्य निगमित इकाई में शेयर या सरकारी सिक्योरिटी की बिक्री पर या मौजूदा प्रत्येक 10 हजार के शेयर या सिक्योरिटी पर लगने वाली 50 रुपये की फीस को बढ़ाकर 100 रुपये किया गया। अचल संपत्ति की बिक्री पर 2000 रुपये की फीस को 4000 रुपये और अन्य के लि 50 रुपये की फीस को बढ़ाकर 100 रुपये किया गया है।
– एक लाख से कम अधिकृत आय वाली कंपनी के एएसी के लिए शुल्क 5000 से बढ़ाकर 10000 रुपये और एक लाख से अधिक आय वाली कंपनी के लिए 10 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपये किया गया है।

– कोर्ट फीस एक्ट 1870 के तहत 500 रुपये से कम राशि के बांड पर शुल्क 20 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये, 500-1000 रुपये की बीच बांड के लिए शुल्क 40 से बढ़ाकर 80 रुपये और 500 या 1000 रुपये के हर अतिरिक्त बांड पर शुल्क 20 से बढ़ाकर 40 रुपये किया गया है।
– कैंसिलेशन शुल्क 300 से बढ़ाकर 600 रुपये किया गया।
– 1000 रुपये से अधिक के कस्टम बांड पर शुल्क 40 से बढ़ाकर 80 रुपये किया गया।
– लेटर आफ शेयर अलॉटमेंट का शुल्क 15 से बढ़ाकर 30 रुपये किया गया।
– मेमोरेंडम आफ एसोसिएशन आफ कंपनी के लिए भी मौजूदा शुल्क दोगुना किया गया।
– नोटरी संबंधी सेवाओं का शुल्क 45 से बढ़ाकर 90 रुपये किया गया।
– पार्टनरशिप संबंधी मामलों में शुल्क 1000 से बढ़ाकर 2000 रुपये किया गया।
-पावर आफ अटार्नी के लिए शुल्क 500 से बढ़ाकर 1000 रुपये किया गया। इस मामले में जिन सेवाओं के लिए अब तक 500 रुपये या 350 रुपये की फीस लागू थी, को भी बढ़ाकर क्रमश: 1000 रुपये और 700 रुपये कर दिया गया है।
– 1000 रुपये से अधिक राशि के सिक्योरिटी बांड या मोर्टगेज डीड के लिए शुल्क 40 से बढ़ाकर 80 रुपये किया गया।
– रिवोकेशन आफ सेटलमेंट और डिक्लेरेशन आफ ट्रस्ट संबंधी मामलों में भी शुल्क दोगुना किया गया है।

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