यूपी में आज प्रस्तावित धर्मांतरण संबंधी बिल पास, राज्यपाल ने दी मंजूरी

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा प्रस्तावित धर्मांतरण संबंधी बिल को शनिवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंजूरी दे दी है। उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश के मसौदे को राज्यपाल से अनुमोदन के लिए बुधवार को राजभवन भेजा गया था।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा प्रस्तावित धर्मांतरण संबंधी बिल को शनिवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंजूरी दे दी है। उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश के मसौदे को राज्यपाल से अनुमोदन के लिए बुधवार को राजभवन भेजा गया था। कैबिनेट की मंजूरी के बाद इस अध्यादेश के मसौदे को राज्यपाल के पास भेजा गया था। जिनको उन्होंने आज यानी शनिवार को मंजूरी दे दी है। राज्यपाल से मंजूरी मिलते ही यह अध्यादेश के रूप में यूपी में लागू हो गया है।

राज्यपाल की मंजूरी मिलते ही यह कानून प्रभावी हो गया है और अब ऐसा अपराध गैर जमानती माना जाएगा। अध्यादेश के अनुसार किसी एक धर्म से अन्य धर्म में लड़की का धर्म परिवर्तन सिर्फ एकमात्र प्रयोजन शादी के लिए किया जाता है तो ऐसा विवाह शून्य ;अमान्यद्ध की श्रेणी में लाया जा सकेगा। राज्यपाल के मंजूरी मिलने के बाद अब इस अध्यादेश को छह माह के भीतर विधानमंडल के दोनों सदनों में पास कराना होगा। बता दें कि योगी सरकार ने झूठ बोलकरए झांसा देकर या छल.प्रपंच कर धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए यह अध्यादेश लाया है।

किसानों का हल्लाबोल जारी, राकेश टिकैत ने कहा, किसानों के मुद्दों पर हुई फेल हुई सरकार हम दिल्ली आ रहे हैं

इसके लागू होने के बाद झांसा देकरए झूठ बोलकर या छल.प्रपंच करके धर्म परिवर्तन करने.कराने वालों के साथ सरकार सख्ती से पेश आएगी। अगर सिर्फ शादी के लिए लड़की का धर्म बदला गया तो ऐसी शादी न केवल अमान्य घोषित कर दी जाएगीए बल्कि धर्म परिवर्तन कराने वालों को 10 साल तक जेल की सजा भी भुगतनी पड़ सकती है। राज्यपाल की मंजूरी मिलते ही यह कानून प्रभावी हो गया है और अब ऐसा अपराध गैर जमानती माना जाएगा।

अध्यादेश के अनुसार किसी एक धर्म से अन्य धर्म में लड़की का धर्म परिवर्तन सिर्फ एकमात्र प्रयोजन शादी के लिए किया जाता है तो ऐसा विवाह शून्य ;अमान्यद्ध की श्रेणी में लाया जा सकेगा। अध्यादेश के अनुसार एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन के लिए संबंधित पक्षों को विहित प्राधिकारी के समक्ष उद्घोषणा करनी होगी कि यह धर्म परिवर्तन पूरी तरह स्वेच्छा से है। संबंधित लोगों को यह बताना होगा कि उन पर कहीं भीए किसी भी तरह का कोई प्रलोभन या दबाव नहीं है।

Back to top button