जानें, क्यों जरूरी मानी जाती है जुम्मे की नमाज

आपके मन में भी यह सवाल आता होगा कि इस्लाम धर्म में अल्लाह की इबादत करने का समय इतना अहम क्यों है. खासतौर से शुक्रवार का दिन बेहद खास होता है. मुस्लिम समुदाय में इस दिन नमाज पढ़ना जरूरी माना जाता है. शुक्रवार के दिन मस्जिद में या किसी पार्क में भी नमाज पढ़ते लोग दिख जाएंगे आपको. पार्क ही क्यों, नमाजी किसी भी साफ-सुथरी जगह पर आसन बिछाकर नमाज पढ़ लेते हैं.

क्या है कारण

इस्लाम धर्म में शुक्रवार को जुम्मे का दिन कहा जाता है. जुम्मे के दिन सभी मुसलमानों को एकत्रित होकर अल्लाह का नाम लेना होता है. दरअसल, इस दिन लोग एकत्रित होकर एक दूसरे के साथ अपना सुख-दुख बांटते हैं और अपनी परेशानियों का बोझ थोड़ा कम करते हैं. इसलिए कहा जाता है कि अल्लाह की इबादत के साथ ही शुक्रवार का दिन भाईचारे को भी समर्पित है.

क्या है जुम्मे का महत्व
इस्लाम में जुम्मे का खास महत्व है. जुम्मे के दिन को अल्लाह के दरबार में रहम का दिन माना जाता है. इस दिन नमाज पढ़ने वाले इंसान की पूरे हफ्ते की गलतियों को अल्लाह माफ कर देते हैं और उसे आने वाले दिनों में एक अच्छा जीवन जीने का संदेश देते हैं.

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इस्लामिक तथ्यों के मुताबिक ऐसा माना जाता है कि शुक्रवार के ही दिन अल्लाह द्वारा ‘आदम’ को बनाया गया था और इसी दिन आदम की मृत्यु भी हुई थी. लेकिन आदम जन्म के बाद धरती पर आए थे, इसलिए दिन के एक घंटे को बेहद अहम माना जाता है.

कहते हैं शुक्रवार के दिन मुराद पूरी होती है. लेकिन मुराद इस्लामिक कायदे-कानूनों के अनुकूल ही हो. इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि स्वयं अल्लाह ने ही शुक्रवार का दिन चुना था. सप्ताह के सभी दिनों की तुलना में उन्होंने ही शुक्रवार के दिन को सर्वश्रेष्ठ माना था. स्वयं अल्लाह ने ही पूरे वर्ष में से एक महीना ऐसा निकाला था, जिसे रमदान का महीना नियुक्त किया गया.

शुक्रवार के दिन इन 3 नियमों का पालन करना अनिवार्य

1. शुक्रवार के दिन मस्जिद में या समूह में कुरान पढ़ने के अलावा मुसलमानों को कुछ और नियमों का पालन भी करना होता है. जैसे कि नमाज पढ़ने से पहले स्नान करना जरूरी है. ताकि नमाज से पहले आपका शरीर पवित्र हो जाए.
2. शुक्रवार के दिन इत्र लगाना आवश्यक है.
3. शुक्रवार को अपने दांत साफ करना बेहद जरूरी है. इसे इस्लाम में ‘सिवाक’ करना कहते हैं.

 
 
 
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