ऑरिजनल पीपीएफ अकाउंट की मैच्योरिटी की तारीख से एक साल के भीतर पीपीएफ खाते(डिपॉजिट के लिए) का विस्तार किया जा सकता है। इसके लिए फॉर्म 4 जमा के जरिए आवेदन देना होगा। पहले पीपीएफ अकाउंट के विस्तार के लिए निवेशक को फॉर्म H जमा करवाना होता था। इसी तरह, मैच्योरिटी के बाद भी खाते को बगैर जमा के जारी रखा जा सकता है। इसपर सरकार द्वारा समय-समय पर नोटिफाइ किया गया ब्याज जुड़ता रहेगा। अगर पीपीएफ अकाउंट को बगैर डिपॉजिट जारी रखा जाता है तो खाताधारक हर वित्त वर्ष में एक बार इससे पैसे निकाल सकता है।
साल में कई बार कर सकते हैं PPF में योगदान
अब तक पीपीएफ अकाउंट में साल में 12 बार डिपॉजिट की इजाजत थी, जो अब बढ़ गई है। एक वित्त वर्ष के दौरान इस खाते में 50 रुपये के मल्टिपल में कहीं ज्यादा बार डिपॉजिट किया जा सकेगा। हालांकि डिपॉजिट की रकम कुल मिलाकर 1.5 लाख रुपये से ज्यादा नहीं हो सकती।
पता बदला तो मैच्योर होने से पहले बंद कर सकेंगे PPF खाता
अगर पता बदलता है तो पीपीएफ अकाउंट प्रीमैच्योर स्टेटस होते हुए भी बंद किया जा सकता है। इसके लिए पासपोर्ट, वीजा की कॉपी या इनकम टैक्स रिटर्न का डीटेल देना होगा। पहले कुछ खास वजहों पर ही खाता बंद किए जाने का प्रावधना था। शर्त यह थी कि अकाउंट खोलन के 5 साल के बाद हायर एजुकेशन पर खर्च या मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए फंड की जरूरत पड़ने पर इसे मैच्योरिटी से पहले बंद किया जा सकता था।
पीपीएफ खाताधारक खाता खोलने के तीसरे से छठे वित्त वर्ष के बीच लोन के लिए आवेदन कर सकता है। सरकार ने इसपर ब्याज दर घटा दिया है। PPF बैलेंस के बदले लिए गए लोन पर ब्याज दर 2% से घटाकर 1% कर दी गई है।
लोन वापसी
पीपीएफ खाताधारक खाते पर लोन को 36 महीनों के भीतर लौटा सकता है। अगर समय पर लोन नहीं लौटाया जाता है या कुछ हिस्सा रह जाता है तो इसपर 6% की दर से ब्याज लगेगा।