पुलिस ने कहा-अगले 3 दिनों तक दिल्ली में नहीं होगी सीलिंग

राजधानी दिल्ली में चल रहे सीलिंग विवाद को लेकर बड़ा फैसला हुआ है. अगले तीन दिनों तक दिल्ली में सीलिंग प्रक्रिया नहीं होगी, क्योंकि राजधानी में सोलर समिट का आयोजन किया जाना है. इस समिट में कई देशों के प्रमुख भाग लेंगे.

राजधानी दिल्ली में चल रहे सीलिंग विवाद को लेकर बड़ा फैसला हुआ है. अगले तीन दिनों तक दिल्ली में सीलिंग प्रक्रिया नहीं होगी, क्योंकि राजधानी में सोलर समिट का आयोजन किया जाना है. इस समिट में कई देशों के प्रमुख भाग लेंगे.  सीलिंग को तीन दिनों के पीछे तर्क दिया गया है कि दिल्ली पुलिस सुरक्षा व्यवस्था में रहेगी. इसलिए सोमवार तक सीलिंग के लिए पुलिस मुहैया नहीं की जा सकती है. आपको बता दें कि सीलिंग के विरोध में व्यापारियों ने एक बार फिर दिल्ली बंद का ऐलान किया है. व्यापारी 13 मार्च को दिल्ली बंद रखेंगे. सीलिंग को लेकर व्यापारियों ने गुरुवार को बैठक बुलाई थी जिसमें 100 से ज्यादा दिल्ली के व्यापारी संगठन शामिल हुए.  बैठक में तय किया गया कि अगर व्यापारियों को सीलिंग से राहत नहीं मिलती तो अब आंदोलन तेज होगा. जिसकी शुरुआत 13 मार्च दिल्ली बंद से की जाएगी. गुरुवार को दिल्ली के लाजपत नगर में सीलिंग के दौरान पुलिस ने कई व्यापारियों पर लाठीचार्ज किया था. जिसके बाद उन्हें एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था.  आपको बता दें कि अभी तक सिर्फ दुकानों पर ही सीलिंग की गाज गिर रही थी. लेकिन पिछले दिनों कई घर भी सीलिंग की जद में आए. बुधवार को दिल्ली के नारायणा इलाके के आवासीय क्षेत्र में जमकर सीलिंग का चाबुक चला था. एक के बाद एक बने फ्लैट की स्टिल्ट पार्किंग पर जैसे ही अवैध कंस्ट्रक्शन पाया गया उसे सील कर दिया गया.    क्या कहता है स्टिल्ट पार्किंग नियम?  एमसीडी का कानून कहता है कि जहां पर भी फ्लैट का निर्माण होता है यानी जिनमें हर फ्लोर के मालिक अलग-अलग होते हैं, वहां ग्राउंड फ्लोर को पार्किंग के लिए खाली छोड़ना अनिवार्य है. ऐसे में केवल टॉयलेट बनाने के लिए छूट दी गई है. उसके अलावा किसी भी तरह का निर्माण गैरकानूनी माना जाता है, लेकिन अधिकतर लोगों ने ग्राउंड फ्लोर में गार्ड रूम या सर्वेंट क्वार्टर बना दिए हैं.  गौरतलब है कि इससे पहले डीडीए दिल्ली मास्टर प्लान 2021 में कई संशोधन किए थे. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि जब तक पर्यावरण से लेकर पार्किंग की समस्या का निदान नहीं होता तो इस तरह के संशोधन नहीं किए जा सकते. सुप्रीम कोर्ट ने मास्टर प्लान में संशोधन के लिए जो दिशा निर्देश दिए हैं उसका पालन करना आसान नहीं है.सीलिंग को तीन दिनों के पीछे तर्क दिया गया है कि दिल्ली पुलिस सुरक्षा व्यवस्था में रहेगी. इसलिए सोमवार तक सीलिंग के लिए पुलिस मुहैया नहीं की जा सकती है. आपको बता दें कि सीलिंग के विरोध में व्यापारियों ने एक बार फिर दिल्ली बंद का ऐलान किया है. व्यापारी 13 मार्च को दिल्ली बंद रखेंगे. सीलिंग को लेकर व्यापारियों ने गुरुवार को बैठक बुलाई थी जिसमें 100 से ज्यादा दिल्ली के व्यापारी संगठन शामिल हुए.

बैठक में तय किया गया कि अगर व्यापारियों को सीलिंग से राहत नहीं मिलती तो अब आंदोलन तेज होगा. जिसकी शुरुआत 13 मार्च दिल्ली बंद से की जाएगी. गुरुवार को दिल्ली के लाजपत नगर में सीलिंग के दौरान पुलिस ने कई व्यापारियों पर लाठीचार्ज किया था. जिसके बाद उन्हें एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था.

आपको बता दें कि अभी तक सिर्फ दुकानों पर ही सीलिंग की गाज गिर रही थी. लेकिन पिछले दिनों कई घर भी सीलिंग की जद में आए. बुधवार को दिल्ली के नारायणा इलाके के आवासीय क्षेत्र में जमकर सीलिंग का चाबुक चला था. एक के बाद एक बने फ्लैट की स्टिल्ट पार्किंग पर जैसे ही अवैध कंस्ट्रक्शन पाया गया उसे सील कर दिया गया.  

क्या कहता है स्टिल्ट पार्किंग नियम?

एमसीडी का कानून कहता है कि जहां पर भी फ्लैट का निर्माण होता है यानी जिनमें हर फ्लोर के मालिक अलग-अलग होते हैं, वहां ग्राउंड फ्लोर को पार्किंग के लिए खाली छोड़ना अनिवार्य है. ऐसे में केवल टॉयलेट बनाने के लिए छूट दी गई है. उसके अलावा किसी भी तरह का निर्माण गैरकानूनी माना जाता है, लेकिन अधिकतर लोगों ने ग्राउंड फ्लोर में गार्ड रूम या सर्वेंट क्वार्टर बना दिए हैं.

गौरतलब है कि इससे पहले डीडीए दिल्ली मास्टर प्लान 2021 में कई संशोधन किए थे. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि जब तक पर्यावरण से लेकर पार्किंग की समस्या का निदान नहीं होता तो इस तरह के संशोधन नहीं किए जा सकते. सुप्रीम कोर्ट ने मास्टर प्लान में संशोधन के लिए जो दिशा निर्देश दिए हैं उसका पालन करना आसान नहीं है.

Back to top button