पीएम मोदी ने किया प्रोजेक्ट चीता का उद्घाटन, कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गए नामीबिया से आए 8 चीते

भारत में 70 वर्षों का लंबा इंतजार खत्म हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामीबिया से आए 8 चीते मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ दिए हैं. साथ ही पीएम मोदी ने प्रोजेक्ट चीता का उद्घाटन किया. पीएम मोदी ने चीते बाड़े में छोड़ने के बाद खुद कैमरा लेकर इनके फोटो भी क्लिक किए. इन चीतों को नामीबिया से स्पेशल चार्टर्ड फ्लाइट से ग्वालियर लाया गया. इसके बाद चीतों को हेलीकॉप्टर के जरिए मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क लाया जाएगा.

प्रोजेक्ट चीता का किया उद्घाट

प्रोजेक्ट चीता का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज देश में दशकों बाद चीते वापस आए हैं. इसके लिए हम नामीबिया की सरकार को धन्यवाद देते हैं. जिनकी वजह से ये काम पूरा हुआ है. उन्होंने कहा, ‘ये दुर्भाग्य रहा कि हमने 1952 में चीतों को देश से विलुप्त तो घोषित कर दिया, लेकिन उनके पुनर्वास के लिए दशकों तक कोई सार्थक प्रयास नहीं हुआ. आज आजादी के अमृतकाल में अब देश नई ऊर्जा के साथ चीतों के पुनर्वास के लिए जुट गया है.’

‘ग्रासलैंड इकोसिस्टम होगा रिस्टोर’

पीएम मोदी ने कहा, ‘ये बात सही है कि, जब प्रकृति और पर्यावरण का संरक्षण होता है तो हमारा भविष्य भी सुरक्षित होता है. विकास और समृद्धि के रास्ते भी खुलते हैं. कुनो नेशनल पार्क में जब चीता फिर से दौड़ेंगे, तो यहां का ग्रासलैंड इकोसिस्टम फिर से रिस्टोर होगा, biodiversity और बढ़ेगी. उन्होंने कहा, ‘प्रकृति और पर्यावरण, पशु और पक्षी, भारत के लिए ये केवल sustainability और security के विषय नहीं हैं. हमारे लिए ये हमारी sensibility और spirituality का भी आधार हैं.’

‘देशवासियों को दिखाना होगा धैर्य’

पीएम मोदी ने देशवासियों से अपील करते हुए कहा, ‘कुनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीतों को देखने के लिए देशवासियों को कुछ महीने का धैर्य दिखाना होगा, इंतजार करना होगा. आज ये चीते मेहमान बनकर आए हैं, इस क्षेत्र से अनजान हैं. कुनो नेशनल पार्क को ये चीते अपना घर बना पाएं, इसके लिए हमें इन चीतों को भी कुछ महीने का समय देना होगा. अंतरराष्ट्रीय गाइडलाइन्स पर चलते हुए भारत इन चीतों को बसाने की पूरी कोशिश कर रहा है.’

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