डेढ़ महीने में दूसरी बार फिर मिलेंगे PM मोदी और शी चिनफिंग, यह है प्लान
नई दिल्ली/पेइचिंग : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के क्विंगदाओ शहर में होने जा रहे शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) समिट से इतर चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मिलेंगे। खास बात यह है कि दोनों देशों के नेताओं ने डेढ़ महीने पहले ही एक अनौपचारिक मुलाकात की थी, जो कि डोकलाम विवाद के बाद पहली ऐसी वार्ता थी। दोनों नेता शनिवार 9 जून को मिलेंगे और इस दौरान अप्रैल में हुई वुहान समिट के दौरान किए गए निर्णयों को लागू किए जाने का जायजा लेंगे।
एससीओ की स्थापना 2001 में रूस, चीन, किर्गीज गणतंत्र, कजाकस्तान, तजाकिस्तान और उजबेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने किया था। भारत और पाकिस्तान पिछले साल ही इसके सदस्य बने हैं और पहली बार इसके पूर्ण सदस्य के रूप में भाग ले रहे हैं।
इतना ही नहीं, मोदी की अन्य एससीओ देशों के नेताओं के साथ करीब आधा दर्जन बैठक होने की संभावना है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि क्या मोदी की पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन के साथ कोई बातचीत होगी। हुसैन भी चीन में हो रहे इस सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले हैं। मोदी 18वें शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। यह शिखर सम्मेलन 9-10 जून को शानदांग प्रांत के क्विंगदाओ में राष्ट्रपति शी चिनफिंग की अध्यक्षता में होगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यह जानकारी दी है।
सुधर रहे भारत-चीन के रिश्ते?
बता दें कि चीन ने पिछले हफ्ते सिंगापुर में हुई शांगरी-ला वार्ता में प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन की सराहना की थी। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने यह बात विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से इस हफ्ते दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर हुई मुलाकात में कही थी। यह बात चीन के उप विदेश मंत्री कांग शुआनयोउ ने यहां हुई एक बैठक में विदेश सचिव विजय गोखले से भी कही थी।
पीएम मोदी ने शांगरी-वार्ता में क्या कहा था?
शांग्री-ला वार्ता में मोदी ने कहा था कि जब भारत एवं चीन विश्वास एवं भरोस के साथ मिलकर काम करेंगे तथा एक-दूसरे के हितों के प्रति संवेदनशील रहेंगे तो एशिया एवं विश्व का बेहतर भविष्य होगा। इससे पहले मोदी की चीनी शहर वुहान में अप्रैल माह में अनौचारिक शिखर बैठक हुई थी। इस बैठक में दोनों एशियाई शक्तियों के बीच सम्बन्धों को मजबूती देने के बारे में दोनों नेताओं के बीच विचारों का आदान-प्रदान हुआ था।