PM मोदी ने प्रदर्शनकारियों को आंदोलनजावी कहकर उड़ाया मजाक: शिवसेना

केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के किलाफ किसानों का आंदोलन लगातार चल रहा है। अब इसी बीच आज यानी रविवार को शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। जी दरअसल शिवसेना ने सामना में उन पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘उन्होंने कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को आंदोलनजीवी बोलकर उनका मजाक उड़ाया है।’ इसी के साथ शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में यह भी कहा गया है कि, ‘अगर बीजेपी राम मंदिर आंदोलन, महंगाई समेत कई मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन नहीं करती तो बीजेपी आज यहां तक नहीं पहुंचती।’

इसके अलावा सामना में यह भी लिखा गया है, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने देश के आंदोलन का मजाक उड़ाया है, जबकि बीजेपी ने खुद आपातकाल से लेकर अयोध्या आंदोलन और महंगाई से कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटने तक आंदोलन किया। अगर राम आंदोलन नहीं हुआ होता, तो बीजेपी आज नहीं दिखती।’ सामना में लिखा गया है, ‘जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदर्शनकारियों को आंदोलनजावी कहकर मजाक उड़ाया तो ये स्वतंत्रता आंदोलन का भी अपमान है। कुछ लोग केवल आंदोलनों पर जी रहे हैं। प्रधानमंत्री ने आंदोलनजीवी बोलकर सड़क पर उतरने वाले कार्यकर्ताओं का मजाक उड़ाया है। इससे ना सिर्फ पिछले तीन महीनों से कृषि कानून का विरोध करने वाले किसानों का ही नहीं बल्कि देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ने वालों को भी मजाक उड़ाया गया है।’ आगे सामना में शिवसेना ने बीजेपी पर भी तंज कसा।

सामना में कहा गया है, ‘जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए विरोध किया था, तो क्या अब उनका बलिदान को आंदोलनजीवी कहा जाए। बीजेपी ने कई आंदोलन किए है, तो बीजेपी की तरफ से किए जाने वाले आंदोलनों को क्या कहा जाना चाहिए? ये आंदोलन राजनीतिक हितों के लिए और सत्ता हासिल करने के लिए किए गए। कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना बीजेपी के जीवन का सबसे बड़ा आंदोलन था।’ आप सभी को याद हो तो 8 फरवरी को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार आंदोलनजीवी शब्द बोला। उस दौरान उन्होंने कहा था, ‘देश में एक नया समुदाय आया है, आंदोलनजीवी जिन्हें हर विरोध में देखा जा सकता है और वो राष्ट्र के लिए परजीवी हैं।’

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