युवाओं को लगा बड़ा झटका: पिटकुल व यूपीसीएल जेई भर्ती परीक्षा होगी निरस्त, जानिए क्या है वजह
July 15, 2018
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पिटकुल व यूपीसीएल में अवर अभियंता (जेई) के 252 रिक्त पदों की भर्ती परीक्षा पर निरस्तीकरण की तलवार लटक गई है। लिखित परीक्षा में पेपर लीक होने से अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने परीक्षा निरस्त करने का फैसला लेकर हाईकोर्ट में शपथ पत्र दाखिल किया है। जिलाधिकारी हरिद्वार की जांच रिपोर्ट में पेपर लीक होने की आशंका व्यक्त की गई। इसी जांच रिपोर्ट के आधार पर आयोग ने हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखा है। इस पर हाईकोर्ट ही अंतिम फैसला लेगा। 27 जुलाई को मामले की सुनवाई होगी।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने पिटकुल व यूपीसीएल में जेई (विद्युत व यांत्रिकी) के 252 पदों की लिखित परीक्षा नवंबर 2017 को आयोजित की थी। जिसमें करीब 10 हजार अभ्यर्थियों ने इस पद की परीक्षा दी थी। 6 फरवरी 2018 को आयोग ने परीक्षा परिणाम घोषित किया। इस पर जगदीश चंद्र पांडेय समेत अन्य अभ्यर्थियों ने परीक्षा को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की। जिसमें जगदीश चंद्र ने एक ही कोचिंग इंस्टीट्यूट से 66 अभ्यर्थियों के मेरिट सूची में चयन होने की बात कही।
इस पर चयन आयोग ने जेई परीक्षा में पेपर लीक होने का अंदेशा जताते हुए डीएम हरिद्वार को मामले की जांच सौंपी थी। डीएम की जांच में पेपर लीक होने का खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट के आधार पर आयोग ने जेई भर्ती परीक्षा को निरस्त करने का फैसला लेकर हाईकोर्ट में शपथ पत्र दायर किया है। इस मामले में अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी।
डीएम की जांच रिपोर्ट ये हुआ खुलासा
जेई भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले की जांच में गोपनीयता लीक होने का जिक्र किया गया। जांच में कोचिंग इंस्टीट्यट के मेरिट में चयनित अभ्यर्थियों की आंसर शीट को चेक किया गया। जिसमें यह खुलासा हुआ कि अभ्यर्थियों ने जिन प्रश्नों का उत्तर गलत दिया है। उनका उत्तर भी अभ्यर्थियों ने एक जैसे ही दिया है। जिन पुस्तकों के आधार पर विशेषज्ञों ने परीक्षा के लिए पेपर का सैट तैयार किया है। उन्हीं पुस्तकों से कोचिंग सेंटर में पढ़ाया जाता था। साथ ही जिस पॉलीटेक्निक के विशेषज्ञों ने पेपर सैट बनाया। उसी पॉलीटेक्निक के अधिकतर अभ्यर्थी मेरिट में चयनित हुए हैं। जिन्होंने रुड़की कोचिंग इंस्टीट्यूट से कोचिंग ली।
जेई भर्ती परीक्षा में डीएम की जांच रिपोर्ट में पेपरों की गोपनीयता लीक होने की संभावना व्यक्त की गई। जेई भर्ती परीक्षा का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। आयोग ने जांच रिपोर्ट के आधार पर पेपर निरस्त करने के लिए हाईकोर्ट में शपथ पत्र दाखिल किया है। इस पर हाईकोर्ट का अंतिम फैसला होगा।