‘टॉप इंडियन रईस खानदान’ में शामिल रेमंड कंपनी के पूर्व चेयरमैन विजयपत सिंघानिया ने बुजुर्गों को सलाह दी है कि अपने जीते जी अपनी सारी संपत्ति बच्चों के नाम न कराएं। उनका मानना है कि बेटे को कंपनी का पूर्ण नियंत्रण देना उनकी सबसे बड़ी भूल थी। मेरी इस भूल ने मेरे बेटे के किरदार को उजागर कर दिया।
एक समय में 12 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक रहे विजयपत सिंघानिया का यह दर्द रेमंड लिमिटेड के चेयरमैन और बेटे गौतम सिंघानिया के बेसहारा छोड़ देने के बाद छलका है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक विजयपत ने कहा कि भावुकता में आकर उन्होंने सारे शेयर गौतम सिंघानिया को ट्रांसफर कर दिए। उन्होंने कहा कि हम परिवार से प्यार करते हैं। बेटे के प्यार में ही मैंने अपना सब कुछ दे दिया। उन्होंने गौतम का नाम लिए बिना कहा कि लोग किसी कारण से अपना असली किरदार छुपाते हैं लेकिन, जैसे पैसे की ताकत आती है तो अभिमान सामने आ जाता है।
विजयपत ने सलाह दी कि जीवित रहते अपनी सारी संपत्ति बच्चों के नाम मत कराइए। हो सकता है दस में से कोई एक अच्छा निकले लेकिन, सभी एक जैसे नहीं होंगे। उनमें से कोई एक कुल का कलंक हो सकता है जो भूल जाएगा कि पिता ने उसके लिए क्या किया था और अपना असली रंग दिखा देगा।
हालांकि उन्होंने बेटे के साथ सुलह के भी संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि अगर गौतम भगवान तिरुपति बालाजी की कसम खाए तो वह कोर्ट में दायर केस वापस लेने का मन बना सकते हैं।
वियजपत सिंघानिया ने अपने बेटे गौतम सिंघानिया के खिलाफ बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। आगामी 22 अगस्त को इस पर सुनवाई होनी है। उनका आरोप है कि उनके बेटे ने मुंबई के पॉश मालाबार हिल में स्थित 36 मंजिला जे.के हाउस में फ्लैट का मालिकाना हक देने से इनकार कर दिया है।
सिंघानिया ने साल 2015 में रिटायरमेंट ले लिया था और कंपनी में मौजूद 37.1 प्रतिशत शेयर अपने सबसे छोटे बेटे गौतम के नाम कर दिए थे जिनकी कीमत करीब 1,000 करोड़ रुपये है।