कार्ति चिदंबरम से पूछताछ के लिये सीबीआई को मिली रिमांड की परमिशन

मीडिया समूह में विदेशी निवेश की अनुमति दिलाने के लिये घूस लेने के मामले में पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम से पूछताछ के लिये सीबीआई को एक दिन का रिमांड दिया है। सीबीआई ने कार्ति चिदंबरम को बुधवार को लंदन से लौटने के बाद चैन्नई से गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। एजेंसी का आरोप है कि कार्ति ने मीडिया हाउस में विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड (एफआईपीबी) की अनुमति दिलाने के लिये दस लाख डॉलर की घूस मांगी थी।

कार्ति चिदंबरम से पूछताछ के लिये सीबीआई को मिली रिमांड की परमिशनसीबीआई ने लंदन से लौटने पर बुधवार सुबह किया गिरफतार

पटियाला हाउस अदालत के ड्यूटी मजिस्टेट सुमित आनंद ने सीबीआई की अर्जी पर सुनवाई के बाद कार्ति से पूछताछ के लिये एक दिन का रिमांड दिया है। सीबीआई ने पूछताछ के लिये 15 दिन का रिमांड मांगा था। कोर्ट के समक्ष सीबीआई वीके शर्मा ने रिमांड मांगते हुये कहा कार्ति चिदंबरम जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और वह बार-बार विदेश जा रहे हैं। वह साक्ष्यों को नष्ट कर सकते हैं।

दूसरी ओर बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इस मामले में उनके मुव्वकिल की गिरफ्तारी का कोई आधार नहीं बनता। यह मामला दस साल पुराना है। इस मामले में उनके मुव्वकिल दो बार सीबीआई व दो बार प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश हो चुके हैं। उनसे सीबीआई 22 घंटे व ईडी 33 घंटे पूछताछ कर चुकी है।

बचाव पक्ष ने कहा कि वह कोर्ट की अनुमति विदेश गये और हर बार वापस आये। उन्हें केवल इसलिये गिरफ्तार किया गया क्योंकि वह कांग्रेस के नेता के बेटे हैं। जिस कंपनी एडवांटेज स्ट्रेटजी का जिक्र सीबीआई कर रही है। उसमें कार्ति न शेयरधारक हैं और न ही उसके निदेशक है। सीबीआई का आरोप है कि उनके मुव्वकिल ने एफआईपीबी से अनुमति दिलाने के लिये घूस ली। यह बेहद हास्यापद है क्योंकि एफआईपीबी में छह सचिव व आरबीआई के गर्वनर भी होते हैं। एजेंसी ने उनमें से किसी एक बार भी पूछताछ नहीं की।

एजेंसी ने इस दलील को खारिज करते हुये कहा इंद्राणी मुखर्जी ने पूछताछ में कहा था कि वह एफआईपीबी की अनुमति के सिलसिले में कार्ति से दिल्ली के पांच सितारा होटल में मिली थी और उसने दस लाख डॉलर की घूस मांगी थी। बता दें कि इस मामले में मीडिया समूह की पूर्व सीईओ इंद्राणी मुखर्जी व कार्ति के सीए एस. भास्कर रमण से पूछताछ हो चुकी है। मामला 2007 में एक मीडिया समूह में विदेशी निवेश के लिये विदेश निवेश प्रोत्साहन बोर्ड (एफआईपीबी) की अनुमति दिलाने में अनियमितता से जुड़ा है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी एक मीडिया समूह, इंद्राणी मुखर्जी, उसके पति पीटर मुखर्जी व अन्य कई लोगें के खिलाफ मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम का मुकदमा दर्ज किया था। मीडिया समूह पर गलत तरीके से मॉरीशस से पैसा मंगाकर कंपनी में लगाने का आरोप है।

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