इस राशि वाले लोग भूलकर भी न पहनें मूंगा, इनके लिए हो सकता है हानिकारक
जैसा की हम सभी जानते हैं की मंगल एक बहुत ही उत्तेजित और ऊष्ण ग्रह है और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मूंगा रत्न मंगल ग्रह का रत्न माना जाता है और ये मंगल का ही प्रतिनिधित्व करता है । इसी वजह से नवरत्नों में से मूंगा रत्न को बहुत ही महत्वपूर्ण बताया गया है । अंग्रेज़ी में इस रत्न को ‘कोरल’ कहते हैं। प्राचीनकाल में इसे ‘लतामणि’ के नाम से भी जाना जाता था। वहीं संस्कृत में इसे ‘विद्रुम’ कहते हैं। रत्नों का इतिहास धरती के पहाड़ों और चट्टानों के इतिहास से सीधा जुड़ा हुआ है।
मूंगा रत्न को लेकर ऐसी मान्यता है की इसे धरण करने से बुरी आत्मा ,शैतानी ताकत और बुरी नजर का स्पर्श जातकों तक नहीं पहुँच पाता है यह सामान्यतः लाल रंग में पाया जाता है और इसके अलावा सिंदूरी, गुलाबी, सफेद, नीले और काले रंग में भी मूंगा रत्न पाया जाता है।आमतौर पर लाल मूंगा अधिक मूल्यवान होता है और इसके साथ ही असली मूंगा रंग भी छोड़ता है क्योंकि यह बहुत ही नाजुक प्रकृति का होता है | ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन लोगों की कुण्डली में मंगल यदि अशुभ फल दे रहा होता है, उसे नियंत्रित करने के लिए मूंगा धारण करना चाहिए और साथ ही बच्चों की भी हर तरह से रक्षा करता है।
लेकिन मूंगा धारण करना हर किसी के लिए फायदेमंद नहीं होता है इसीलिए आज हम आपको बताएँगे की कौन सी राशि के जातकों को मूंगा रत्न धारण नहीं करना
मेष राशि
मेष राशि वालों का मंगल लग्न, यानी शरीर और आठवें घर का स्वामी, यानी लग्नेश और अष्टमेश है।ज्योतिष के अनुसार राशी में लग्नेश को शुभ माना जाता है तथा अष्टमेश को अशुभ माना जाता है। अष्टम स्थान आयु और मृत्यु से संबंध रखता है, अतः मेष राशी वालों को मूंगा बहुत ही सावधानीपूर्वक किसी सुयोग्य ज्योतिषी की जानकारी में ही धारण करना चाहिए
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वृष राशि
वृष राशी के जातकों के लिये मंगल सातवें और बारहवें घर का स्वामी माना गया है इसका मतलब है की यह सप्तमेश होता है और सप्तमेश मारकेश होता है। ईसलिए इस राशि वालों के लिए मूंगा रत्न मारक है और इसीलिए व्ययेश भी शुभ नहीं माना जाता है, अतः वृष राशि के जातकों को मूंगा धारण नहीं करना चाहिए।