गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों के कोविड-19 से संक्रमित होने की है संभावना

कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर अब भी दुनिया के अलग-अलग देशों में रिसर्च हो रही हैं। इस महामारी के बारे में अब भी बहुत-सी बातें ऐसी हैं, जिनका जवाब नहीं मिल पाया है। हालांकि, महामारी की शुरुआत से ही यह स्पष्ट हो गया था कि युवा, स्वस्थ लोगों की तुलना में वृद्ध वयस्कों और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों के कोविड-19 से संक्रमित होने की बहुत ज्‍यादा संभावना है।

मौजूदा दौर में हमारी दिनचर्या ऐसी हो गई है कि ज्‍यादातर लोग उच्च रक्तचाप से परेशान हैं। एक नए शोध में ये बात सामने आई है कि उन लोगों में जो मध्यम आयु वर्ग या अधिक उम्र के हैं और उच्‍च रक्‍तचाप से जूझ रहे हैं, उन्‍हें कोरोना संक्रमण होने का खतरा ज्‍यादा होता है। कोरोना के कारण अस्‍पताल में भर्ती और जान गंवाने वाले लोगों में भी उच्‍च रक्‍तचाप के मामले देखे गए।

नए अध्ययन में ये भी पाया गया है कि सामान्‍य लोगों की तुलना में उच्च रक्तचाप वाले लोगों में अस्पताल में भर्ती होने या वायरस से मरने का 22% अधिक जोखिम होता है। हालांकि, महामारी की शुरुआत से ही उच्च रक्तचाप और कोविड-19 के बीच एक कड़ी प्रतीत होती थी, लेकिन यह स्पष्ट नहीं था कि उच्च रक्तचाप के कारण ही अस्पताल में भर्ती होने या कोविड-19 से मरने का अधिक जोखिम होता है।

सामाजिक आर्थिक स्थिति, लिंग, जातीयता और बॉडी-मास इंडेक्स (बीएमआई) के अनुसार अलग-अलग लोगों पर उच्च रक्तचाप और कोविड-19 के मेल से होने वाले प्रभाव पर असर अलग-अलग हो सकता है। शोध में यूके बायोबैंक के डेटा का उपयोग किया। इनमें से अध्ययन में 16,000 से अधिक लोग शामिल थे, जो कोरोना पॉजिटिव हुए थे। इस शोध में सामने आया कि उच्‍च रक्‍तचाप से जूझ रहे लोगों को अगर कोरोना होता है, तो उन्‍हें बेहद सतर्क रहना चाहिए।

Back to top button