महाराष्ट्र: लड़की को भगदड़ में कुचलते रहे लोग, पिता भी नहीं पहचान पाया लाश

मुंबई.यहां एलफिन्स्टन रेलवे स्टेशन पर बने फुट ओवर ब्रिज पर शुक्रवार सुबह भगदड़ मचने से 22 लोगों की मौत हो गई है। यहां आग लगने की अफवाह के बाद पहले एक शख्स फिसला और फिर एक के बाद एक लोग गिरते चले गए। इस दौरान कुछ लोग ब्रिज की सीढ़ियों पर लुढ़क गए और कुछ लोग ब्रिज की रैलिंग में भी फंसे देखे गए। इसी हादसे में कुचले जाने से चार्टर्ड अकाउंटेंट 25 साल की हिलोनी देढिया की भी मौत हो गई। वो अपने घर में एकलौती संतान थीं।महाराष्ट्र: लड़की को भगदड़ में कुचलते रहे लोग, पिता भी नहीं पहचान पाया लाश

6 महीने पहले ही शुरू की थी बैंक में जॉब…

– मुंबई रेलवे स्टेशन के सुरक्षा डिपार्टमेंट ने हादसे में मारे गए लोगों के नाम की सूची जारी की है। इसमें 13वें नंबर पर 25 साल की हिलोनी देढिया का नाम है। 
– पेशे से सीए (चार्टर्ड अकाउंटेंट ) हिलोनी स्टेशन हादसे में मरने वाले 22 लोगों में शामिल हैं। छह महीने पहले ही उन्होंने सीए परीक्षा पास करके एक्सिस बैंक में अपनी नौकरी शुरू की थी।
– तभी से वो हर रोज 10.30 बजे एलफिन्स्टन स्टेशन पर उतरती थीं, लेकिन शुक्रवार की सुबह उनके लिए अंतिम दिन था।

पर्स और मोबाइल स्टेशन पर मिला

– दरअसल, हादसे के बाद परिजनों को हिलोनी का पर्स और मोबाइल स्टेशन प्लैटफॉर्म पर लावारिस हालात में मिला था। लेकिन वे उसे नहीं ढूंढ पा रहे थे। 
– जब वे पास के KEM हॉस्पिटल पहुंचे तो उन्होंने वहां स्टाफ को गुमशुदा बेटी का नाम बताया और मोबाइल में फोटो दिखाया। 
– लेकिन उस समय तक हॉस्पिटल में हादसे में घायल और मृतकों के शव आ रहे थे। इस वजह से अफरातफरी का माहौल बना हुआ था।
– शुक्रवार सुबह 11.30 बजे तक हॉस्पिटल में घायलों के अलावा 15 मृतकों के शव पहुंचे थे। डॉक्टरों ने भी कह दिया कि हम अभी कुछ भी नहीं कर सकते।
– इसके बाद दोपहर 2 बजे मृतकों की संख्या बढ़कर 22 हो गई और अब एक अटेंडर ने फोटो के आधार पर हिलोनी को घायलों और मृतकों में ढूंढा।

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शव देखते ही वे बुरी तरह टूटे

– आखिर बेटी हिलेनी की तलाश में निकले परिजनों को पहचान के लिए मॉर्चरी में ले जाया गया।
– वहां पिता अपनी बेटी के शव को पहचान नहीं पा रहे थे, क्योंकि उसका चेहरा कई घावों के कारण काला पड़ गया था।
– डॉक्टरों ने बताया कि भगदड़ में सैकड़ों लोग नीचे गिरी हुई सीए हिलोनी के चेहरे पर पैर रखकर निकल गए, इसलिए चेहरे का रंग बदल गया।
– हालांकि, देढिया परिवार ने अपनी मृत बेटी के कपड़े देखकर पहचान कर ली। शव देखते ही परिजन बुरी तरह टूट गए और दहाड़ें मारकर रोने लगे।
– हॉस्पिटल की मॉर्चरी से सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद मृतका का शव परिजनों के हवाले कर दिया गया।
– रुआंसी हालत में मृतका के पिता नीलेश देढिया का कहना कि मेरी बेटी से ही घर रोशन था। उसके जाने से हमने सब कुछ खो दिया है। 
– 22 मृतकों में हिलोनी के अलावा और भी घर के एकलौते चिराग थे, जिन पर अपने परिवार की जिम्मेदारी थी।
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