कानपुर के लोगों को शीघ्र ही मिलेंगे प्रधानमंत्री योजना के शहरी आवास

कानपुर। कभी जिस लाल इमली के हूटर पर शहर दौड़ता था, अब वह इतिहास हो जाएगी। मिल चालू करने के लिए हुए आंदोलन पर मिले आश्वासन और घाटे के नाम पर बंद करने की रिपोर्ट के बीच पैदा उहापोह अब खत्म हो गया है। ऊनी कपड़ों की बेजोड़ इकाइयां लाल इमली और धारीवाल समेत देश भर के 64 बीमार सार्वजिनक और निगम उपक्रमों को बंद करने पर सैद्धांतिक सहमति हो गई है। केवल घोषणा की औपचारिकता शेष रह गई है। इसके बाद यहां की मशीनों का चक्का थम जाएगा। छह जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में बीमार उपक्रमों को बंद करने का सैद्धांतिक फैसला हो गया है। यहां प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास बनाए जाएंगे।कानपुर के लोगों को शीघ्र ही मिलेंगे प्रधानमंत्री योजना के शहरी आवास

ब्रिटिश इंडिया कार्पोरेशन की इकाइयां कानपुर स्थित लाल इमली और पंजाब की धारीवाल मिलें लंबे समय से बंद चल रही हैं। 60 नंबर लोई और गर्म कंबल के लिए विश्वप्रसिद्ध लाल इमली वर्ष 1992 से घाटे में चल रही है। वर्ष 2008 में उत्पादन न्यूनतम और वर्ष 2012 से उत्पादन पूरी तरह से बंद है। बीच-बीच में लाल इमली को दोबारा चालू करने के प्रयास की खबरें आती रहीं और मंत्रियों से मिल खोले रखने के आश्वासन मिलते रहे लेकिन केंद्र सरकार के मौजूदा फैसले के बाद सारी संभावनाएं समाप्त दिखाई दे रही हैं। 

कैबिनेट मीटिंग में बंदी और परिसंपत्तियों के निस्तारण के लिए रिवाइज्ड गाइड लाइन का अनुमोदन भी कर दिया है। नई गाइड लाइन सितंबर 2016 को जारी डीपीई (डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेज) नियम को रिप्लेस करेगी। इसमें इकाइयों को समयबद्ध व चरणबद्ध बंद करने की प्रक्रिया, मंत्रालयों की जिम्मेदारियों का बंटवारा, कर्मचारियों के देयक भुगतान का उत्तरदायित्व आदि का निर्धारण किया गया है। कैबिनेट के मुताबिक, कर्मचारियों को वर्ष 2007 के वेतनमान के हिसाब से वीआरएस मिलेगा। गाइड लाइन की प्राथमिकता जमीन के उपयोग को लेकर है। बंद हो रही इकाइयों की जमीन का उपयोग अफोर्डेबिल हाउसिंग स्कीम के लिए किए जाने का प्रस्ताव है। यहां प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाए जाएंगे।

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