इस मंदिर में लोग मौत का अनुभव लेने आते हैं…

आपने फिल्मों में अक्सर देखा होगा कि लोग पुर्नजन्म से जुड़ी हुई कहानियां दिखाई जाती हैं. अब इस बात में कितनी सच्चाई है, इसके बारे में कहा तो नहीं जा सकता लेकिन फिर लोगों को पुर्नजन्म के किस्सों में बेहद दिलचस्पी होती है. एक देश ऐसा है जहां पुर्नजन्म की इस कहानी से वहां का पर्यटन फल-फूल रहा है.इस मंदिर में लोग मौत का अनुभव लेने आते हैं...

थाईलैंड में एक मंदिर है, यह मंदिर थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक से 66 मील दूर है. वाट प्रोमानी नाम के इस बुद्ध मंदिर में पुनर्जन्म का अनुभव करने के लिए लोगों की लंबी लाइन लगी रहती है. यहां आपको पुनर्जन्म देने का पूरा बंदोबस्त किया गया है. मजे की बात तो ये है कि यहां पुनर्जन्म के लिए आपको असली में मरने की जरूरत नहीं है. हां आपको एक आभासी मृत्यु से गुजरना होगा.

इस तरह मौत का अनुभव लेने आते हैं टूरिस्ट

विश्व में अलग-अलग संस्कृतियों में किस्म-किस्म के कर्मकांड निभाए जाते हैं. लेकिन यह कर्मकांड बेहद अलग है. इससे गुजरने के बाद आपको यह यकीन करना होता है कि आपका पुनर्जन्म हुआ है. दरअसल, इस कर्मकांड में आपको ताबूत में लेटना होता है, जिसका अर्थ सांकेतिक मृत्यु होता है. ताबूत में लेटने के बाद आपसे वहां का पुजारी उठने के लिए कहेगा. आप फिर ताबूत में खड़े होकर एक प्रार्थना करेंगे जिसके बाद आपका पुनर्जन्म हो जाता है. जाहिर-सी बात है कि मृत्यु की तरह यह पुनर्जीवन भी आभासी ही होता है.

90 सेकेंड के मौत के अनुभव के लिए लाखों रुपए देते हैं लोग  

इस मंदिर में नौ रंगीन ताबूत रखे हुए हैं. इसमें कुछ पलों के लिए लेटने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगती है. यह पूरी प्रक्रिया मात्र 90 सेकेंड की होती है लेकिन इससे गुजरने वाले लोगों का मानना है कि वे इस प्रक्रिया के बाद पवित्रता और शांति महसूस करते हैं.

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