Paytm जैसे E-Wallet में पैसे रखते हैं तो आपको खुश कर देगा सरकार का आने वाला ये फैसला
डिजिटल टाइम में रह रहे हम में से बहुत कम ही लोग ऐसे होंगे जो मोबाइल वॉलेट ना इस्तेमाल करते हों. और अगर आप भी E-wallet यूज़ करते हैं तो आपको ये ख्याल तो ज़रूर आया होगा कि काश आप अपने वॉलेट से किसी भी दूसरी कंपनी के वॉलेट में भी पैसे ट्रांसफर कर पाते. तो आपको जानकर खुशी होगी कि ये हकीकत बनने जा रहा है. सरकार पेटीएम, भीम ऐप, मोबीक्विक और फोन पे जैसे मोबाइल वॉलेट के बीच जल्द ही पोर्टेबिलिटी शुरू कर सकती है. इसे लेकर रिजर्व बैंक की गाइडलाइंस अपने अंतिम चरण में है और जल्द ही इन्हें लागू किया जा सकता है. आपको बता दें देश में करीब 50 कंपनियों के पास मोबाइल वॉलेट का लाइसेंस है.
सिक्योर कनेक्शन: साइबर सिक्योरिटी को लेकर हमारी समझ कितनी गहरी है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पब्लिक वाई-फाई या किसी दोस्त के प्राइवेट ब्रॉडबैंड का कनेक्शन यूज़ करने से हम जरा भी नहीं चूकते. पब्लिक नेट पर अगर आप मोबाइल वॉलेट या किसी तरह ऑनलाइन ट्रांसेक्शन करते है, तो यह आपके घातक साबित हो सकता है, इसलिए हमेशा ऑनलाइन ट्रांसैक्शन के लिए सिक्योर कनेक्शन का इस्तेमाल करना चाहिए.
डेबिट/क्रेडिट कार्ड की सेव डिटेल्स: ज्यादातर वॉलेट में डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड से मनी ऐड करने के साथ कार्ड सेव करने की सुविधा होती है. जिसमें सिस्टम आपका सीवीवी और कार्ड की एक्सपायरी से जुड़ी कुछ जानकारी छोड़, तकरीबन सभी जानकारी सेव करता है. ऐसे में अगर हैकर आपकी वॉलेट में सेंधमारी करने में सफल होते हैं तो वो आपके डेबिट/क्रेडिट कार्ड और अकाउंट से जुड़ी निजी जानकारी भी आसानी से निकाल सकते हैं.
फेक मोबाइल/डीटीएच रिचार्ज से पैसा ट्रांसफर: कई बार हैकर्स आपका अकाउंट हैक करने के बाद अकाउंट से पैसा निकाल तो सकते हैं, लेकिन अगर वह वह पैसे अपने अकाउंट भेजते हैं तो इसमें उनके पकड़े जाने का खतरा अधिक बना रहता हैं. ऐसे में कई बार फेक मोबाइल या डीटीएच नंबर पर रिचार्ज कराते हैं, जिसके बाद उस पैसे को कैश करा लेते हैं. इसलिए ऑनलाइन शॉपिंग या रिचार्ज के लिए सिर्फ जरूरत भर के पैसे वॉलेट में रखने चाहिए.
किसी रैंडम वेबसाइट या किसी नए ऐप को आज़माने से बेहतर, हमेशा ऑफिशल ऐप स्टोर से ट्रस्टेड ऐप को मोबाइल में इनस्टॉल करें. थर्ड पार्टी, वेबसाइट के पॉप-अप में दिखने वाले ज्यादातर ऐप पर मैलवेयर का खतरा हमेशा बना रहता है. जिनसे हैकर्स आपकी खातों से जुड़ीं जरूरी जानकारी निकाल सकते हैं.
किसी भी ऐप को डाउनलोड करने से पहले उसकी रेटिंग और रिव्यू जरूर चेक करें. अगर ऐप से जुड़े कमेंट नेगेटिव और अच्छे नहीं हैं तो उनको मोबाइल ऐप को डाउनलोड करने से बचना चाहिए. ऐप को मोबाइल में इनस्टॉल करते समय मांगी जा रही परमिशन को गौर से पढ़ें. कई बार जल्दी जल्दी में हम कई पर्सनल इनफार्मेशन का एक्सेस किसी ऐप को दे देते हैं. जिससे भविष्य में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
वॉलेट और अकाउंट से जुड़े ऐप के लिए हमेशा ऐप लॉकर का इस्तेमाल करना चाहिए. किसी भी ऐप को टेक्स्ट मैसेजस का एक्सेस न दें. बैंक और अकाउंट से जुड़ी तमाम जानकारी मैसेज के जरिए ही आती है. जिनमे ट्रांसेक्शन के लिए इस्तेमाल किया गया ओटीपी भी शामिल है.