सिसोदिया ने एलजी अनिल बैजल को चिट्ठी – मीटिंग में ना आने वाले IAS अधिकारियों पर हो सख्त कार्रवाई

दिल्ली सरकार में मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट और बदसलूकी के आरोप की पुलिस एक तरफ जांच कर रही है, तो सचिवालय में नौकरशाहों और मंत्रियों के बीच तनाव खत्म होता नजर नहीं आ रहा है. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने आईएएस अधिकारियों द्वारा अहम बैठकों में हिस्सा ना लेने की शिकायत करते हुए एलजी अनिल बैजल को चिट्ठी लिखी है.सिसोदिया ने एलजी अनिल बैजल को चिट्ठी - मीटिंग में ना आने वाले IAS अधिकारियों पर हो सख्त कार्रवाई

सोमवार को डिप्टी सीएम और मंत्रियों की ओर से बुलाई गई विभागीय मीटिंग्स में कोई वरिष्ठ अधिकारी शामिल नहीं हुआ. सिसोदिया ने बैजल को शिकायत पत्र में गत 24 फरवरी को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में कैबिनेट की मीटिंग का भी जिक्र किया है. सिसोदिया ने साफ किया है कि एलजी बैजल के साथ मीटिंग में यह आश्वासन दिया गया था कि अधिकारी मीटिंग अटेंड करेंगे. वहीं यह भी आश्वासन दिया था कि इस समस्या के समाधान करने में राजनिवास के साथ-साथ चुनी हुई सरकार की तरफ से भी प्रयास किया जाएगा. बावजूद इसके टॉप अफसर मीटिंग में बुलाने के बाद भी नहीं आ रहे हैं.

आगे सिसोदिया ने एलजी को बताया कि सोमवार को सचिवालय में दिल्ली संस्कृत अकादमी की जनरल काउंसिल की मीटिंग दोपहर 3 बजे बुलाई गई थी. इसमें फाइनेंस के प्रिंसिपल सेक्रेटरी संजीव नंदन सहाय और आर्ट एंड कल्चर की सेक्रेटरी मनीषा सक्सेना को जोर देकर बुलाया गया था. लेकिन दोपहर 2 बजे मनीषा सक्सेना की ओर से अकादमी के सेक्रेटरी को बताया जाता है कि वह और सहाय मीटिंग अटेंड करने में असमर्थ हैं. इसलिए मीटिंग को रद्द कर दिया जाए.

सिसोदिया के मुताबिक एलजी की ओर से आश्वसन दिया था कि सभी अधिकारी मीटिंग में शिरकत करेंगे. बावजूद इसके अधिकारी मंत्रियों की ओर से बुलाई गई मीटिंग्स का बराबर बायकॉट कर रहे हैं. सोमवार को भी अधिकारी एक भी मीटिंग में नहीं आए. उन्होंने पूरी कैबिनेट की ओर से एलजी से आग्रह किया है कि वह कानून के तहत ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें.

एलजी को भेजे पत्र में अधिकारियों के शमिल ना होने पर बैठक का वक्त और दिन बदलने की शिकायत भी की गई है. सिसोदिया ने एक अन्य मीटिंग का जिक्र करते हुए कहा कि सोमवार को शाम 5 बजे शिक्षा विभाग की एक अहम मीटिंग मिड डे मील पर बुलाई गई थी. यह मीटिंग इससे पहले 22 फरवरी को बुलाई गई थी. लेकिन अधिकारियों के आग्रह पर इसको री-शैड्यूल करके 26 फरवरी किया गया था. लेकिन इसमें कोई अधिकारी नहीं आया.

आपको बता दें कि दिल्ली सरकार की पूरी टॉप ब्यूरोक्रेसी और अहम पदों पर बैठे अधिकारी कोई समझौता करने को तैयार नहीं हैं, जब तक मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम सार्वजनिक तौर पर चीफ सेक्रेटरी से माफी नहीं मांग लेते.

Back to top button