विधान परिषद सदस्य प्रशांत परिचारक का निलंबन वापस लेने पर महाराष्ट्र विधानसभा में हंगामा

मुंबई: सैनिकों की पत्नियों के खिलाफ पिछले वर्ष कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने वाले विधान परिषद सदस्य प्रशांत परिचारक का निलंबन वापस लिये जाने के विरोध में महाराष्ट्र विधानसभा में आज जमकर हंगामा हुआ. बीजेपी समर्थित निर्दलीय एमएलसी को चुनाव प्रचार के दौरान सैनिकों की पत्नियों का मजाक उड़ाने के कारण पिछले वर्ष मार्च में विधान परिषद् से निलंबित कर दिया गया था.

परिचारक ने बाद में अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांग ली थी. राज्य सरकार ने पिछले सप्ताह परिचारक का निलंबन वापस ले लिया. विधानसभा की कार्यवाही आज शुरू होते ही विपक्षी दलों- कांग्रेस और राकांपा के सदस्यों ने इस मुद्दे को उठाया. उन्होंने परिचारक का निलंबन वापस लिये जाने के विरोध में सरकार की आलोचना करते हुए नारेबाजी की.

प्रदेश के राजस्व मंत्री चन्द्रकांत पाटिल ने सदन को बताया कि विधान परिषद् की उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने परिचारक का निलंबन वापस लेने की सिफारिश की थी. उन्होंने यह भी बताया कि शिवसेना की एमएलसी नीलम गोरहे उस समिति की सदस्य हैं. यह कहते हुए कि सदस्यों को विधान परिषद् के मामलों को निचले सदन में नहीं उठाना चाहिए, पाटिल ने कहा, ‘‘सरकार सदन द्वारा आम सहमति से स्वीकृत समिति के फैसलों में एक साल तक कोई बदलाव नहीं कर सकती.’’ शिवसेना सदस्य सुनील प्रभु ने परिचारक को निष्कासित करने और उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग करते हुए कहा कि उन्होंने शहीदों की पत्नियों और देश का कथित रूप से अपमान किया है.

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