मानसून सत्र की रणनीति बनाने के लिए विपक्ष का मंथन आज

नई दिल्ली : संसद का मानसून सत्र बुधवार से शुरू हो रहा है. सत्र के आरंभ होने से पहले सोमवार को विपक्षी राजनीतिक दलों की सोमवार को बैठक होने जा रही है. इस बैठक में वे मानसून सत्र के लिए अपनी रणनीति पर विचार-विमर्श करेंगे. पहले से ही कयास लगाए जा रहे हैं राज्यसभा के नए उपाध्यक्ष के चयन में विपक्षी दलों के बीच एकता देखी जा सकती है. 

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में विपक्ष में शामिल प्रमुख दलों के नेता शामिल हो सकते हैं. पीजे कुरियन उपाध्यक्ष एक जुलाई को सेवानिवृत्त होने के बाद वे राज्यसभा के उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव के मसले समेत मानसून सत्र की रणनीति पर विचार-विमर्श करेंगे. 

इस बात के भी संकेत मिल रहे हैं कि सरकार मानसून सत्र में चुनाव नहीं करवा सकती है. हालांकि, सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने इस मसले पर अभी अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है. संविधान में राज्यसभा उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए कोई निश्चत समय सीमा का जिक्र नहीं है और परंपरा के अनुसार राज्यसभा के नए उपाध्यक्ष का चुनाव मौजूदा उपाध्यक्ष के सेवानिवृत्त होने के कुछ महीने बाद होता रहा है. 

इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि कांग्रेस इस पद के लिए विपक्ष के उम्मीद को समर्थन दे सकती है. हालांकि किसी पार्टी ने नहीं कहा है कि वह अपना उम्मीदवार उतारना चाहती है. कयास यह लगाया जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस या राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के संयुक्त उम्मीदवार हो सकते हैं. 

विपक्ष के उम्मीदवार के नाम पर आमसहमति की संभावना दूर की बात दिखती है क्योंकि विगत में यह पद सत्ताधारी पार्टी के पास रही है. कयास यह भी लगाया जा रहा है कि मुकाबले की स्थिति में भाजपा की अगुवाई में राजग शिरोमणि अकाली दल के नरेश गुजराल का अपना उम्मीदवार बना सकता है. इस बीच, विपक्ष मानसून सत्र के दौरान मॉब लिंचिंग, बैंक धोखाधड़ी, किसानों की दशा और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मसलों को लेकर सरकार को घेर सकती है. 

उधर, सरकार ने भी इस सत्र में तीन तलाक विधेयक, पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा प्रदान करने संबंधी विधेयक, बलात्कार के दोषियों को सख्त दंड के प्रावधान वाले विधेयक समेत कई विधेयकों को पारित कराने में सहयोग मांगा है. 

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