ओपेक ने मुलाकात में रूस से किया तेल उत्पादन बढ़ाने का वादा

नई दिल्ली। कच्चे तेल के बढ़ते दाम और अंतरराष्ट्रीय बाजार पर इसके नकारात्मक असर के बीच तेल निर्यातक 14 देशों के समूह (ओपेक) ने शनिवार को रूस से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान ओपेक ने सदस्य देशों के बीच पेट्रोलियम उत्पादन बढ़ाने का वादा तो किया, लेकिन बढ़ोतरी की मात्र पर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी।ओपेक ने मुलाकात में रूस से किया तेल उत्पादन बढ़ाने का वादा

इससे पहले ओपेक सदस्य देशों ने शुक्रवार को अपनी बैठक में पेट्रोलियम उत्पादन बढ़ाने संबंधी करार किया था, लेकिन उसमें भी मात्रा पर संशय बरकरार था। इस दौरान कच्चे तेल का भाव 3.4 फीसद यानी ढाई डॉलर चढ़कर 75.55 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। ओपेक की 10 गैर-ओपेक तेल उत्पादक देशों के साथ बैठक के बाद अंगोला के पेट्रोलियम मंत्री दायमंतिनो अजावेदो ने कहा कि बैठक में शामिल देश तेल उत्पादन बढ़ाने पर राजी हो गए हैं।

रूस के समर्थन में सऊदी अरब ने दुनियाभर की चिंता को दूर करने के लिए तेल उत्पादन बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था। गैर-ओपेक तेल उत्पादक देश भी अब करार का हिस्सा बनने के लिए ओपेक देशों के साथ बैठक कर रहे हैं। हालांकि ओपेक के दो सूत्रों ने बताया कि शनिवार की बैठक के बाद भी उत्पादन की संभावित बढ़ी मात्रा पर कोई ठोस आंकड़ा सामने आने की उम्मीद कम ही है।

संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बढ़ी उत्पादन मात्र के बारे में जानने के प्रति खासे उत्सुक दिखाई पड़े। शुक्रवार को ओपेक की बैठक के बाद ट्रंप ने ट्वीट कर कहा, ‘मुझे पूरी उम्मीद है कि ओपेक देश उत्पादन में बड़ी बढ़ोतरी करेंगे। कच्चे तेल का भाव निचले स्तर पर रखने की सख्त जरूरत है।’ आपको बता दें कि अमेरिका, चीन और भारत ने तेल की बढ़ती कीमतों से वैश्विक आर्थिक विकास दर में संभावित मंदी रोकने के लिए ओपेक देशों से कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने का आग्रह किया था।

इससे पहले ओपेक देशों ने आपसी बैठक के बाद बयान में कहा था कि वे पूर्व में स्वीकृत उत्पादन कटौती के स्तर तक जाकर कच्चे तेल की आपूर्ति बढ़ाएंगे। लेकिन उन्होंने मात्र के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। ओपेक के संस्थापक सदस्यों में एक सऊदी अरब ने कहा कि ओपेक और गैर-ओपेक तेल उत्पादक देशों को मिलाकर उत्पादन 10 लाख बैरल प्रतिदिन यानी वैश्विक आपूर्ति के एक फीसद तक बढ़ाया जा सकता है। इराक का कहना था कि तेल उत्पादन ज्यादा से ज्यादा सात-आठ लाख बैरल प्रतिदिन तक बढ़ाया जा सकता है, क्योंकि उत्पादन घटा चुके देशों को अपने कोटे के उत्पादन और आपूर्ति में बड़ी बाधा का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, ईरान ने कहा कि तेल उत्पादन में बढ़ोतरी पांच लाख टन प्रतिदिन से ज्यादा नहीं बढ़ाया जा सकता है।

रूस के ऊर्जा मंत्री एलेक्जेंडर नोवाक ने शनिवार को कहा कि ओपेक और गैर-ओपेक देशों को उत्पादन में कम से कम 15 लाख बैरल प्रतिदिन बढ़ोतरी का आग्रह किया गया था। इसके बावजूद ओपेक देशों के फैसले से अमेरिका को खुशी है। वर्ष 2016 में कच्चे तेल की कीमत गिरकर 27 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई थी।

उसके बाद ओपेक ने पिछले वर्ष उत्पादन में 18 लाख बैरल प्रतिदिन कटौती का फैसला किया था ताकि गिरते भाव को संभाला जा सके। इस फैसले के बाद कच्चे तेल की कीमत बढ़नी शुरू हुई, जो अब 75 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर है। लेकिन वेनुजुएला, लीबिया और अंगोला में अप्रत्याशित घटनाक्रमों के चलते विश्व स्तर पर तेल की आपूर्ति में रोजाना 28 लाख टन की कमी आ चुकी है। सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री खालिद-अल-फलीह ने चालू वर्ष की दूसरी छमाही के दौरान दुनियाभर की कच्चे तेल की आपूर्ति में 18 लाख बैरल प्रतिदिन तक की कमी की चेतावनी दी है।

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