पवार के ‘थर्ड फ्रंट’ वाले बयान पर शिवसेना ने कहा- भाजपा “गुरुजी” से बुलवा रही है अपनी भाषा
साल 2019 में होने वाले आम चुनाव से पहले बीजेपी और कांग्रेस से अलग किसी तीसरा मोर्चा के गठन के प्रयासों को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने करारा झटका दिया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा है कि तीसरा मोर्चा ‘व्यवहारिक’ नहीं है और इसलिए यह नहीं बन पाएगा। पवार का बयान ऐसे वक्त पर आया है जब जेडीएस प्रमुख एचडी देवगौड़ा ने तीसरे मोर्चे बनाने पर जोर दिया है। इससे पहले तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी और तेलंगाना राष्ट्र समिति प्रमुख के चंद्रशेखर राव ने मुलाकात कर तीसरा मोर्चा बनाने की कवायद शुरू की थी। वहीं इसपर शिवसेना ने कहा है कि विपक्षी पार्टियों को उनसे सावधान रहने की जरूरत है।
सोमवार को शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा है कि विपक्ष को शरद पवार से सावधान रहने की जरूरत है। सामना में कहा गया है कि भाजपा शरद पवार से अपनी भाषा बुलवा रही है। क्योंकि भाजपा भी यही बातें करती है कि तीसरा मोर्चा संभव नहीं है। सामना में लिखा गया है कि शरद पवार (गुरुजी) की जुबानी यानी मोदी कुछ कहना चाह रहे हैं।
बता दें कि एक अंग्रेजी चैनल के दिए इंटरव्यू में शरद पवार ने कहा कि तीसरा मोर्चा के लिए विभिन्न दलों का महागठबंधन अव्यवहारिक है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उनके कई साथी चाहते हैं कि महागठबंधन बनाया जाए। साथ ही इंटरव्यू में उन्होंने बतौर प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार किसी का नाम लेने से परहेज किया। लेकिन उन्होंने इशारा किया कि जैसे साल 1977 में मोरार जी देसाई विजयी दलों का चेहरा बन कर उभरे थे, इस बार भी ऐसा हो सकता है।