सेना जनरल बिपिन रावत के बयान पर बवाल, ओवैसी ने दे डाली ये सलाह
इस मौके पर सेना प्रमुख के एक बयान पर विवाद हो गया है. जनरल रावत ने एक राजनीतिक संगठन का जिक्र कर दिया जिस पर विवाद हो गया है. पड़ोसी देशों की ओर इशारा करते हुए जनरल रावत ने कहा कि जिस तरह कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए आतंकवादी भेजे जाते हैं. उसी तरह उत्तर भारत में अशांति फैलाने के लिए अवैध आबादी को भारत में भेजा जाता है. इसके पीछे सेना प्रमुख ने वोट बैंक की राजनीति को दोषी बताया. उन्होंने कहा कि यहां में AIUDF नाम का राजनीतिक संगठन तेजी से बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि इस पार्टी का विकास बीजेपी के मुकाबले तेज हुआ है. उन्होंने कहा कि जनसंघ का आज तक का जो सफर रहा है उसके मुकाबले एआईयूडीएफ का विकास तेजी से हुआ है.
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सेना प्रमुख के इस बयान के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेदादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने जनरल बिपिन रावत के बयान पर आपत्ति दर्ज की है. उन्होंने कहा है कि सेना प्रमुख को राजनीतिक मामलों में दखल नहीं देना चाहिए. उनका काम किसी राजनीतिक पार्टी पर कमेंट करना नहीं है. लोकतंत्र और संविधान इसकी इजाजत देता है.
यहीं पर सेना रावत ने डोकलाम के मुद्दे पर कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है. सिलिगुड़ी कॉरिडोर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस पर खतरे का ख्याल रखा जा सकता है, लेकिन हमें उत्तर पूर्व की समस्याओं को समग्रता में देखना होगा. इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि चीन की नजर सिलिगुड़ी कॉरिडोर पर है, जिससे वह नॉर्थ ईस्ट के कई इलाकों को हासिल करने का सपना देख रहा है.