राफेल डील पर राहुल के साथ ‘शत्रु’, लालू ने पूछा- सच बताने में डर काहे का?

‘राफेल सौदे’ को लेकर एक फ्रांसीसी प्रकाशक ने कथित तौर पर पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के हवाले से सनसनीखेज खुलासा किया है कि अरबों डॉलर के इस सौदे में भारत सरकार ने एक निजी कंपनी को साझीदार बनाने का प्रस्ताव दिया था। इसके बाद देश की राजनीति गरमा गई है। सौदे को लेकर विपक्ष के साथ सत्‍ताधारी भाजपा के बागी नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने भी प्रधानमंत्री पर हमला किया है। शत्रुघ्‍न सिन्‍हा व कांग्रेस सुप्रीमो राहुल गांधी के सुर एक हो गए हैं तो लालू प्रसाद यादव ने भी पूछा है कि अगर प्रधानमंत्री गुनाहगार व भागीदार नहीं हैं और ईमानदार चौकीदार हैं तो सच बताने में डर काहे का?राफेल डील पर राहुल के साथ 'शत्रु', लालू ने पूछा- सच बताने में डर काहे का?

शत्रुघ्‍न सिन्‍हा ने कही ये बात

भाजपा के बागी नेता व पटना सहिब लोकसभा सीट से सांसद शत्रुघ्‍न सिन्‍हा ने कहा है कि ये पब्लिक है, सब जानती है। शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने ट्वीट में लिखा कि अब पानी सर से ऊपर निकल चुका है और प्रधानमंत्री मोदी को इस पूरे मुद्दे पर सामने आकर स्पष्टीकरण देना चाहिए। शत्रुघ्‍न सिन्‍हा ने लिखा है कि पूर्व फ्रांसीसी राष्‍ट्रपति ओलांद के अनुसार भारत सरकार ने अनिल अंबानी की कंपनी को राफेल सौदे का साझीदार बनाने का प्रस्ताव दिया था। एक अन्‍य ट्वीट में उन्‍होंने सीधे प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए उन्‍हें सच बोलने की नसीहत दे डाली। 

राहुल ने लगाए ये आरोप

ओलांद का बयान आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि यह सेना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सर्जिकल स्ट्राइक है। उन्‍होंने लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अनिल अंबानी ने मिलकर सेना पर 1.30 लाख करोड़ रुपये का सर्जिकल स्ट्राइक किया। एक अन्‍य ट्वीट में राहुल ने लिखा कि प्रधानमंत्री ने राफेल सौदे पर खुद बातचीत की। प्रधानमंत्री ने भारत के साथ विश्वासघात  तथा सैनिकों के खून का अपमान किया है।

लालू का तंज: मित्रों, देशवासियों को जानकारी मिलनी चाहिए कि नहीं?

राफेल सौदे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बड़े राजनीतिक विरोधी लालू प्रसाद यादव ने भी सवाल खड़े किए हैं। लालू प्रसाद यादव के हवाले से उनके कार्यालय ने तंज करते ट्वीट किए हैं। एक ट्वीट में लिखा है, ‘मित्रों, राफ़ेल सौदे के घालमेल और तालमेल की सही जानकारी 125 करोड़ देशवासियों को मिलनी चाहिए कि नहीं? मिलनी चाहिए की नहीं?’ एक अन्‍य ट्वीट में लिखा है, ‘अगर पूंजीपति मिलनसार प्रधानमंत्री गुनाहगार व भागीदार नहीं हैं और ईमानदार चौकीदार हैं तो सच बताने में डर काहे का?’

फ्रांस सरकार व फ्रांसीसी कंपनी ने दी ये सफाई

ओलांद के बयान के बाद फ्रांसीसी सरकार ने भी सफाई दी। फ्रांसीसी सरकार ने कहा है कि राफेल सौदे में भारतीय कंपनी के चयन में उसका रोल नहीं। फ्रांसीसी कंपनियों को कॉन्ट्रैक्ट के लिए भारत की किसी भी फर्म को चुनने की आजादी थी। राफेल सौदे में शामिल फ्रांसीसी कंपनी ने भी कहा कि भारतीय कंपनी को उन्होंने ही चुना था।

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