कारगिल जंग के नायक कैप्टन मनोज पांडेय की जयंती के मौके पर गोरखा रेजीमेंट व एनसीसी की बटालियन ने अर्पित किए पुष्प चक्र…

कारगिल जंग के महानायक अमर बलिदानी कैप्टन मनोज पांडेय की 47वीं जयंती उनके पैतृक गांव कमलापुर के रूढ़ा में मनाई गई। 22वीं बटालियन एनसीसी सीतापुर के जवानों ने गांव में स्वच्छता अभियान चलाकर शहीद पार्क के आसपास साफ सफाई की फिर उनकी प्रतिमा पर एनसीसी निदेशालय से भेजा गया पुष्प चक्र सूबेदार मेजर मनोज कुमार ने अर्पित किया।

गोरखा रेजीमेंट के लेफ्टिनेंट कर्नल ऋषभ त्रिपाठी और ग्रुप कमांडर लखनऊ का भेजा गया पुष्प चक्र 22वीं बटालियन के कमान अधिकारी संजय सिंह ने उनकी प्रतिमा पर अर्पित किया। इसी क्रम में शहीद कैप्टन मनोज पांडेय के पिता गोपी चंद्र पांडेय और बिसवां विधायक निर्मल वर्मा ने प्रतिमा पर पुष्प चक्र अर्पित किया। सीनियर अंडर आफीसर अंकुर श्रीवास्तव व अंडर आफीसर शुभम चौधरी ने सहयोग किया।

कार्यक्रम में कैप्टन मनोज पांडेय के पिता गोपीचंद पांडेय उनके छोटे भाई मनमोहन पांडेय और विधायक निर्मल वर्मा को अंग वस्त्र तथा पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर 22वीं बटालियन एनसीसी के कर्नल संजय सिंह, कर्नल एसके धवन आदि अधिकारी मौजूद रहे।

सूबेदार मेजर मनोज कुमार ने कहा कि कैप्टन मनोज पांडेय देश वासियों के लिए गौरव हैं। उन्होंने अपने शौर्य का प्रदर्शन कर जीवन का बलिदान किया और दुश्मनों को गहरी चोट दी। उनका जीवन युवाओं व सैनिकों के लिए सदैव प्रेरणास्रोत रहेगा।

विधायक निर्मल वर्मा ने कहा कि कैप्टन मनोज पांडेय ने सीतापुर की धरती पर जन्म लेकर गौरान्वित किया है। वह सच्चे अर्थों में भारत मां के लाल थे। देश के लिए अपने जीवन को बलिदान कर दिया। बलिदान होने से पूर्व दुश्मन ताकतों को तहस नहस कर दिया। अपनी जान की बिना परवाह किए कारगिल की चोटी पर तिरंगा लहराकर दम लिया। वह देश के असली नायक हैं, हर भारत वासी उनका सदैव ऋणी रहेगा।

दो वर्ष पूर्व हुआ था बड़ा आयोजन : कैप्टन मनोज पांडेय के पैतृक गांव रूढ़ा में उनकी प्रतिमा का अनावरण दो वर्ष पूर्व तत्कालीन थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे किया था। कैप्टन की जयंती व बलिदान दिवस पर यहां श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगता है।

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