पापुलर फ्रंट आफ इंडिया ने अपने स्थापना दिवस के अवसर पर राजस्थान के कोटा में निकाली रैली….

पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) ने अपने स्थापना दिवस के अवसर पर राजस्थान के कोटा में वीरवार को रैली निकाली। जिला प्रशासन ने अपने आदेश की प्रति में ‘रैली’ आयोजित करने की अनुमति से इन्कार कर दिया था, लेकिन प्रशासन ने उन्हें एक स्टेडियम में एक सार्वजनिक रैली आयोजित करने की अनुमति दी थी। इस बीच, राजस्थान के भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि पीएफआइ की नियत गणतंत्र बचाने की नहीं है, गणतंत्र में अस्थिरता और अराजकता फैलाने की जरूर रही है। हिजाब के अलावा भी बहुत सी चीजें चर्चा के लायक हैं। कांग्रेस को लगता होगा कि उनकी तुष्टीकरण की राजनीति पर संकट आएगा, इसलिए पीएफआइ को रैली की इजाजत दी है। 

पीएफआइ के जयपुर कार्यालय पर ईडी ने मारा था छापा 

दिसंबर, 2020 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने पीएफआइ के जयपुर के मोतीडूंगरी रोड स्थित कार्यालय पर छापा मारा था। इस दौरान ईडी की टीम ने पीएफआइ के कार्यालय में दस्तावेजों की जांच की। कुछ दस्तावेज टीम अपने साथ लेकर गई है। ईडी की कार्रवाई के बाद पीएफआइ के कार्यकर्ताओं ने यहां नारेबाजी की। ईडी की कार्रवाई का उद्देश्य कई मनी लांड्रिंग मामलों के संबंध में साक्ष्य एकत्रित करना था। सीएए के विरोध में प्रदर्शनों में नाम सामने आने के बाद पीएफआइ का नाम हाथरस मामले में भी सामने आया था। पहले भी इस संगठन पर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगते रहे हैं। पिछले दिनों सुफी इस्लामिक बोर्ड ने इस संगठन को आतंकी समर्थित संस्था बताया है। बोर्ड के राष्ट्रीय महासचिव सैय्यद हसनैन बकाई के मुताबिक पीएफआइ के लोग अपनी राजनीतिक शाखा एसडीपीआइ के जरिए युवाओं को गुमराह कर रहे हैं।

जानें, क्या है पीएफआइ

पीएफआइ एक इस्लामिक संगठन है। ये संगठन अपने को पिछड़ों व अल्पसंख्यकों के हक में आवाज उठाने वाला बताता है। संगठन की स्थापना 2006 में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (एनडीएफ) के उत्तराधिकारी के रूप में हुई। संगठन की जड़े केरल के कालीकट में गहरी हैं। फिलहाल, इसका मुख्यालय दिल्ली के शाहीन बाग में बताया जा रहा है। शाहीन बाग वो ही इलाका जहां पर सीएए और एनआरसी के विरोध में पूरे देश में 100 दिन तक सबसे लंबा आंदोलन चला था। एक मुस्लिम संगठन होने के कारण इस संगठन की ज्यादातर गतिविधियां मुस्लिमों के इर्द-गिर्द ही घूमती हैं। कई ऐसे मौके ऐसे भी आए हैं, जब इस संगठन से जुड़े लोग मुस्लिम आरक्षण के लिए सड़कों पर आए हैं। संगठन 2006 में उस समय सुर्खियों में आया था, जब दिल्ली के रामलीला मैदान में इनकी तरफ से नेशनल पालिटिकल कांफ्रेंस का आयोजन किया गया था। तब लोगों की एक बड़ी संख्या ने इस कांफ्रेंस में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी।

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