जासूस की मौत पर ब्रिटेन का बयान, बदले की कार्रवाई कर रहे हैं पुतिन
इंग्लैंड में खुफिया एजेंसी केजीबी के एक पूर्व जासूस को जहर देने को लेकर रूस और ब्रिटेन के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है. ब्रिटेन के विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन ने रूस ने पूर्व डबल एजेंट सर्गेई स्क्रिपल को जहर देने के मामले में रूस को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने इस हमले को रूस के बदले की आंच बताया है.
बोरिस के मुताबिक, एजेंट को जहर देना राष्ट्रपति पुतिन की तरफ से एक संकेत है कि रूस के बदले की आंच से कोई बच नहीं सकता.
बता दें, रूस ने पूर्व डबल एजेंट सर्गेई स्क्रिपल अब भी कोमा में हैं. उनकी बेटी भी अस्पताल में भर्ती हैं. वे सैलिसबरी शहर में एक बेंच पर अचेतावस्था में पाए गए थे.
जॉनसन ने विदेश मामलों की प्रवर समिति से कहा कि रूस पाला बदलने वालों को बताना चाहता था कि अगर वे किसी अन्य देश का समर्थन करेंगे तो उनके साथ क्या होगा. उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्होंने ब्रिटेन को हमले के लिए चुना क्योंकि उसने रूस के अनुचित बर्ताव की बार-बार आलोचना की है.
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गौरतलब है कि पूर्व डबल एजेंट सर्गेई स्क्रिपल को जहर देने के मामले से ब्रिटेन और रूस के संबंधों में तनाव पैदा हो गया है.
आरोपों को पुतिन कर चुके हैं खारिज
पुतिन ने ब्रिटेन और उसके सहयोगी देशों के इन आरोपों को पहले ही बेतुका बताते हुए खारिज कर दिया था कि चार मार्च को स्क्रिपल (66) और उनकी बेटी यूलिया (33) पर ब्रिटेन के सैलिसबरी में हुए केमिकल अटैक के पीछे रूस का हाथ है. दोनों फिलहाल अस्पताल में हैं और उनकी हालत गंभीर बनी हुई है. ब्रिटेन ने कहा है कि सोवियत द्वारा डिजाइन किये गये सैन्य श्रेणी के नर्व एजेंट नोविचॉक का इस्तेमाल स्क्रिपल के खिलाफ किया गया.
ब्रिटेन ने दी थी नागरिकता
बता दें कि रूस के सेवानिवृत सैन्य खुफिया अधिकारी स्क्रिपल को ब्रिटेन के लिए जासूसी करने के आरोप में रूस ने वर्ष 2006 में 13 वर्ष की सजा सुनाई थी. हालांकि, बाद में उन्हें माफी मिल गई थी और ब्रिटेन ने उन्हें नागरिकता दे दी थी. वह तब से ब्रिटेन में ही रह रहे हैं.
केमिकल अटैक के लिए रूस को घेरा
पिछले हफ्ते ही ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और अमेरिका ने एक संयुक्त बयान जारी कर द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से पहली बार रासायनिक हथियारों का आक्रामक इस्तेमाल करने के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराया था.
साइबर अटैक का भी डर
पूर्व रूसी जासूस को ब्रिटेन में जहर दिए जाने के मामले पर दोनों देशों (रूस और ब्रिटेन) के बीच गहराए कूटनीतिक तनाव के बीच संभावित रूसी साइबर हमले के खतरे के मद्देनजर ब्रिटेन के बैंकों, ऊर्जा और जल कंपनियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.
23 राजनयिकों को कर चुके हैं निष्कासित
इससे पहले रूस ने बीच शनिवार को ब्रिटेन के 23 राजनयिकों को निष्कासित करने का ऐलान कर दिया था. रूस के विदेश मंत्रालय ने देश में ब्रिटेन के राजदूत लॉरी ब्रिस्टॉ को तलब कर इस निर्णय की जानकारी दी. रूस ने यह कदम ब्रिटेन द्वारा रूस के 23 राजनयिकों को निष्कासित करने के फैसले के बाद उठाया है.