OMG: इस देश के मजदूरों को मिल रहे हीरे, एक झटके में बन रहे करोड़पति
मध्य प्रदेश में हीरों के शहर पन्ना में हीरे की चमक से मजदूर लगातार करोड़पति बन रहे हैं और उनकी जिंदगियां बदल रही हैं. इसी क्रम में हीरा कार्यालय प्रांगण में सम्पन्न हुई नीलामी में दो और मजदूरों के हीरे करोड़ो में नीलाम हुए.
दरअसल, दुनिया में हीरों के लिए विख्यात पन्ना में मजदूरों को हीरे मिलते रहते हैं. एक दिन पहले हुई हीरा नीलामी में 261 नग, 316 कैरेट्स वजन के हीरे रखे गए, जिसमें से 187.10 कैरेट्स वजन के 150 नग हीरे दो करोड़ 43 लाख रुपयों में नीलाम हुए.
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इनमें से एक मजदूर का सबसे बड़ा 29.46 कैरेट्स का हीरा 3 लाख 95,500 रुपये की दर से एक करोड़ 16 लाख 51,430 रुपये में नीलाम हुआ तो वहीं दूसरा सबसे बड़ा हीरा एक अन्य मजदूर का 18.13 कैरेट्स का 4 लाख 500 सौ रुपये की दर से 72 लाख 61,065 रुपये में नीलाम हुआ. तुआदार यानी हीरा मालिक राधेश्याम द्वारा खनन किए गए 18 कैरेट का हीरा और पन्ना के मजदूर ब्रजेश उपाध्याय द्वारा लगाए गए 29.46 कैरेट के हीरे की दो महीने पहले हुई नीलामी में कोई खरीदार नहीं मिला था. लेकिन अब अंततः उनकी नीलामी हो गई.
हीरा व्यापारी लगाते हैं बोली:
इस नीलामी के अंतिम दिन 29.46 कैरेट का बेशकीमती पत्थर हीरा व्यापारी नंदकिशोर जदिया ने खरीदा, जबकि 18 कैरेट वजन वाले पन्ना के ही एक हीरा व्यापारी भूपेंद्र द्वारा खरीदा गया. इस साल सितंबर में 29.46 कैरेट के हीरे का खनन किया गया था, जबकि 18 कैरेट के हीरे का खनन तुआदार द्वारा करीब एक साल पहले किया गया था, लेकिन हीरा कार्यालय में यह 18.13 केरेट्स का हीरा इसके पहले नही नीलम हो सका था.
हीरा कार्यालय के अनुसार 18.13 कैरेट का हीरा 29.46 कैरेट वजन के मुकाबले भले ही कम हो लेकिन क्वालिटी के मामले में 29.45 केरेट्स के हीरे से बेहतर है. पहले इसकी कीमत 4,00,500 रुपये प्रति कैरेट थी, जबकि भारी पत्थर प्रति कैरेट 3,95,500 रुपये प्राप्त कर सकते थे.
हीरा अधिकारी एसएन पांडेय ने कहा कि हीरे के व्यापारियों को दो दिनों के भीतर हीरे की लागत का 20% भुगतान करना पड़ता है जबकि शेष 80% अगले एक महीने में राशि जमा कर सकते हैं. शेष राशि प्राप्त करने के लिए मजदूरों को रॉयल्टी के रूप में हीरे की कुल लागत का 12% हीरा कार्यालय में जमा करना पड़ेगा.
पन्ना में हुई इस नीलामी में मुंबई, सूरत, दिल्ली और अन्य स्थानों के 50 से अधिक हीरा व्यापारियों ने भाग लिया. पन्ना के हीरा अधिकारी एसएन पांडेयने बताया कि तुआदरों को उनकी वाजिब कीमत मिल गई है. हीरों के शहर के नाम से विख्यात पन्ना में लगातार मजदूरों को हीरे मिलते रहते हैं. वे हीरे नीलामी में बेचे जाते हैं और मजदूरों को अच्छी खासी रकम दी जाती है.