OMG! इंसानों ने नहीं बल्कि भूतों ने तैयार किया था ये करिश्माई पुल…
आज हम आपको दुनिया के उस पुल के बारे में बता रहे हैं, जिसे इंसान ने नहीं बल्कि शैतान ने तैयार किया है। इटली के बोर्गो मोजजानो शहर में सर्चियो नदी पर बना पोंटे डेला मेडडेलना नाम का पुल दुनिया में एक ऐसा अद्भुत नमूना है, जिसे शैतानों ने तैयार किया है।
दुनिया में बड़ी-बड़ी नदियों को पार करने के लिए उन पर पुलों का निर्माण किया जाता है ताकि लोग इधर-उधर आना जाना कर सकें। इस दुनिया में आपने एक से बढ़कर एक खूबसूरत पुल को देखा होगा। आज हम आपको दुनिया के उस पुल के बारे में बता रहे हैं, जिसे इंसान ने नहीं बल्कि शैतान ने तैयार किया है। जी हां आपको शायद इस बात पर यकीन नहीं हो रहा होगा, लेकिन ये बिल्कुल सच है। इटली के बोर्गो मोजजानो शहर में सर्चियो नदी पर बना पोंटे डेला मेडडेलना नाम का पुल दुनिया में एक ऐसा अद्भुत नमूना है, जिसे शैतानों ने तैयार किया है।
इटली दुनिया के सबसे ज्यादा खूबसूरत देशों में से एक है, अगर आप कभी इटली घूमने जाएंगे तो आपको पता चलेगा कि वहां की खूबसूरती किस तरह से उसे दुनिया से अलग खड़ा करती है। इसी इटली के बोर्गो मोजजानो शहर में बना हुआ ये पुल इस देश को रहस्यमयी भी बनाता है। इटली में सर्चियो नदी पर बने मैरी मगदलीनी के पुल को कब बनाया गया, क्यों बनाया गया, किसने बनाया कब बनाया? इसके बारे में आजतक कोई भी ठीक से पता नहीं लगा पाया है। आस-पास के लोग इस पुल से जुड़ी तरह-तरह की कुछ कहानियां बताते रहते हैं। इसी बीच कुछ इतिहासकारों ने इस पुल पर रिसर्च की जिन्होंने बताया कि ये पुल 1046-1115 के बीच तैयार किया गया था। बाद में 14वीं शताब्दी के दौरान इस पुल का पुनर्निमाण किया और इसे पहले से ज्यादा बेहतरीन बना दिया गया।
इस पुल का असली नाम क्या है, ये बात भी आजतक किसी को नहीं पता है। सन् 1500 के दौरान इस पुल को नाम मैरी मगदलीनी के ऊपर रखा गया। बताया जाता है कि इस पुल को पहले इंसान बना रहे थे, लेकिन उन्हें पता चल गया था कि वो इसका निर्माण तय समय सीमा में नहीं कर पाएंगे।
तो उसके बाद पुल बना रहे लोगों और शैतान के बीच बात-चीत हुई तो शैतान ने कहा कि वो इस पुल का निर्माण तय समय सीमा के अंदर कर देंगे, लेकिन उसके बदले में उन्हें इस पुल पर सबसे पहले गुजरने वाले की आत्मा चाहिए। अगर ऐसा कर सकते हो तो इस पुल को तय समय में हम तैयार कर देंगे।
पुल बनाने वाले वास्तुकारों ने शहर के चर्च के पादरी को बात को बताया कि उनके सामने इस तरह की दिक्कत और अब वो इसके लिए क्या करें। पादरी ने उन्हें सलाह दी और कहा कि वो इस पुल को पार करने के लिए सबसे पहले एक सूअर को भेजें। वास्तुकारों ने ऐसा ही किया और पुल पर सबसे पहले एक सूअर को भेजा, सूअर को देखते ही शैतान ने उसे उठाया और नदी में कूद गया। नदी में कूदने के बाद शैतान दोबारा कभी भी नजर नहीं आया।
वहीं इस पुल से जुड़ा एक और किस्सा है, जिसमें बताया गया है कि पुल पार करने के लिए सबसे पहले सूअर को नहीं बल्कि कुत्ते को भेजा गया था। कुत्ते को देखकर शैतान को गुस्से में आ गया और उसे उठाकर नदी में छलांग लगा दी। नदी में जाने के बाद वो शैतान कभी भी नजर नहीं आया। कहा जाता है कि आज भी उस कुत्ते की आत्मा पुल पर रात के समय नजर आ जाती है।