OMG… मगरमच्छ के मल से लेकर नींबू तक इन चीज़ो से किए जाते हैं एबॉर्शन

आज के समय में तो किसी भी लड़की के एबॉर्शन के लिए कई तरह के मेडिकल ट्रीटमेंट या दवाईयां आ गई हैं जिसके जरिये वो अपने गर्भ में पल रहे बच्चे को अबो्र्ट कर सकती हैं लेकिन पुराने समय में ये कुछ भी नहीं हुआ करता था. पहले के दौर में तो एबॉर्शन करने के ऐसे-ऐसे उपाय किये जाते थे जिसे सुनकर आप हैरान हो जाएंगे. जी हाँ… आइये आपको बताते हैं इन उपाय के बारे में-OMG... मगरमच्छ के मल से लेकर नींबू तक इन चीज़ो से किए जाते हैं एबॉर्शन

नींबू

एबॉर्शन के लिए सबसे ज्यादा तो निम्बू का ही इस्तेमाल किया जाता था. ऐसा कहा जाता था कि निम्बू में सिटरस एसिड मौजूद होता हैं जो कि स्पर्म को बहुत जल्द ही खत्म कर सकता हैं. लेकिन निम्बू से योनि को भी नुकसान पहुंचता था जिसके कारण इसका उपयोग करना खतरनाक साबित हो जाता था.

मगरमच्छ का मल

इस नाम को सुनकर ही घिन आ रही हैं लेकिन पहले के समय में तो महिलाए गर्भधारण रोकने के लिए महिला की योनी में मगरमच्छ का मल, शहद और सोडियम बाइकारबोनेट का घोल बनाकर उसमे डाला जाता था. जी हाँ… सुनकर ही आपको घिन आ रही होगी लेकिन ये सच हैं. ऐसा माना जाता था कि इस घोल को अंदर डालने से शुक्राणु अंदर नहीं जा पाते और कभी कुछ शुक्राणु अंदर चले भी गए तो वो नष्ट हो जाते थे.

जानवरों की मदद

जिस भी महिला का एबॉर्शन करना होता था उसकी जांघो (थाइस) पर वीजल नाम के एक जानवर का अंडाशय और एक हड्डी बांध दी जाती थी. ऐसा करने से महिला प्रेग्नेंट नहीं होती थी. हो गए ना हैरान लेकिन सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि कनाडा में तो बीवर नाम के एक जानवर के अंडाशय को शराब में डुबोकर महिला को खिलाया जाता था. ऐसा करने से पेट में पल रहा बच्चा नष्ट हो जाता था.

लोहे का पानी

ग्रीस में ऐसा माना जाता था कि यदि किसी महिला को वो पानी पिलाओ जिसमे लोहार अपने औजार रखकर ठन्डे करता हो तो इस पानी से शुक्राणु योनि खत्म हो जाते हैं और फिर महिला प्रेग्नेंट नहीं हो पाती.

कोल्ड ड्रिंक

1950 से 60 के बीच एक रिसर्च की गई थी जिसमे ये देखा गया था कि अगर कोक को शुक्राणुओं के साथ मिलाया जाए तो क्या शुक्राणु नष्ट होते हैं? इस दौरान वैज्ञानिक ने चार अलग-अलग तरह की कोक ली थी. जिसमे से डाइट कोक ने सभी शुक्राणुओं को एक मिनट के अंदर ही मार दिया था वही दूसरे कोक में फिर भी कुछ शुक्राणु घूम रहे थे.

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