चुनाव आयोग की परीक्षा में फेल होने पर अफसरों को मिलेगा दोबारा मौका

भोपाल। चुनाव कराने वाले पीठासीन और सहायक पीठासीन अधिकारी का चयन परीक्षा से करने के फार्मूले में खरा नहीं उतरने वाले अफसरों को अब एक मौका और मिलेगा। चुनाव आयोग परीक्षा में 70 फीसदी से कम अंक लाने वाले अफसरों को तीन-चार दिन का प्रशिक्षण देकर फिर परीक्षा लेगा।

इसके बाद भी यदि अधिकारी खरे नहीं उतरते हैं तो उनकी चुनाव ड्यूटी नहीं लगेगी। उधर, यदि अफसर जानबूझकर चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए फेल हो जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई को लेकर तस्वीर अभी साफ नहीं है।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव ने बताया कि 18 अगस्त को भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और रीवा में परीक्षा आयोजित की गई थी। इसमें 587 डिप्टी कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार और नायब तहसीलदार ने हिस्सा लिया है। करीब एक सप्ताह बाद परिणाम घोषित किया जाएगा। प्रश्नपत्र चुनाव आयोग ने तैयार किए थे और परीक्षा भी उनके ही दिशा-निर्देश में हुई है।

इसके पीछे मकसद साफ है कि जो भी अधिकारी चुनाव का संचालन करे, उसे निर्वाचन संबंधी नियम-कायदों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, ताकि चुनाव के दौरान कोई परेशानी न आए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि जो अधिकारी परीक्षा में पास नहीं होंगे, उनकी चुनाव ड्यूटी नहीं लगेगी। एक बार और परीक्षा कराई जाएगी।

जब यह पूछा गया कि अधिकारी चुनाव ड्यूटी से बचने यदि जानबूझकर फेल हो जाते हैं तो फिर क्या कार्रवाई होगी। इस पर उन्होंने बताया कि इस बारे में सोचा जाएगा। दरअसल, अभी नियमों में इस तरह की स्थिति बनने पर गोपनीय चरित्रावली में रिमार्क दर्ज करने या अनुशासनात्मक कार्रवाई को लेकर तस्वीर साफ नहीं है।

सोशल मीडिया पर आया सीईओ ऑफिस

चुनाव में सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय सोशल मीडिया पर आ गया है। सीईओएमपी इलेक्शन 2018 के नाम से टि्वटर अकाउंट और यू-टयूब चैनल शुरू किया गया है। साथ ही सीएमओएमपी स्वीप के नाम से फेसबुक अकाउंट भी बनाया गया है।

इन सोशल मीडिया के माध्यमों से मतदाता सूची में नाम जुड़वाने, कटवाने की जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा ईवीएम और वीवीपैट के उपयोग के साथ दिव्यांग मतदाताओं के लिए दी जाने वाले सुविधाओं का प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा।

सुपरवाइजर को 12 हजार रुपए सालाना मानदेय

चुनाव आयोग की पहल पर पहली बार दस बूथ लेवल ऑफिसर के ऊपर नियुक्त होने वाले सुपरवाइजर को भी मानदेय दिया जाएगा। ये मानदेय सालाना 12 हजार रुपए होगा।

अवैध हूटर हटाए या नहीं, लेंगे जानकारी

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि वाहनों में लगे अवैध हूटर हटाए जाने को लेकर अब तक हुई कार्रवाई की जानकारी ली जाएगी। चुनाव आयोग की फुल बेंच भी जल्द ही दौरे पर मध्यप्रदेश आएगी।

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