NSG सदस्यता हासिल करने के लिए मोदी चल रहे यह ‘दांव’

modi-1-new_-mnप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 4 जून को होने वाली अमेरिका यात्रा से पहले भारत ने न्‍यूक्‍िलयर सप्‍लायर ग्रुप में सदस्‍यता के लिए आवेदन कर दिया है। अमेरिकी दौरे के दौरान एनएसजी की सदस्‍यता पर मुहर लगवाना मोदी की पहली प्राथमिकता होगी। भारत ने इसकी सदस्यता के लिए पाकिस्‍तान की ओर से भेजे गए आवेदन से सात दिन पहले 12 मई को आवेदन कर दिया था। हालांकि, पाकिस्तान को जब इसका पता चला, तो उसने चीन की मदद से अड़ंगा लगा दिया था।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की हाल ही में हुई चीन यात्रा को एनएसजी की सदस्यता के ‌लिए भारत के प्रति चीन के रुख को बदलाव लाने के तौर पर देखा जा रहा है हालांकि चीन ने अपना रुख तो साफ नहीं किया, लेकिन ये जरूर कहा कि दोनों देशों के अधिकारी वार्ता जारी रखेंगे।
चीन तब भी भारत के खिलाफ था जब एनएसजी ने भारत-अमेरिका के बीच परमाणु करार को मंजूरी दे दी थी। अब अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान पीएम मोदी खुद सबसे बड़ा राजनीतिक दांव खेलेंगे ताकि सभी सदस्य देशों को वाशिंगटन की ओर से संदेश पहुंचाया जा सके और इसका असर 9-10 जून को होने वाली बैठक पर दिखे। इस बैठक के बाद 24 जून को सियोल में होने वाली प्लेनरी में इस एजेंदे को रखा जाना है।

गौरतलब है कि अमेरिका ने 48 सदस्यीय एनएसजी में भारत को सदस्यता देने की सिफारिश की है। अमेरिकी सिफारिश के बावजूद भारतीय सदस्यता का पाक विरोध कर रहा है। इससे अमेरिका पाक से नाराज हो गया और जमकर फटकार लगाई। पाकिस्तान ने एनएसजी में भारत की सदस्यता का विरोध करते हुए कहा था कि इससे दक्षिण एशिया में परमाणु हथियारों की एक रेस शुरू हो जाएगी। हालांकि अमेरिका का कहना है कि भारत को सदस्यता ‘सदस्यता हथियारों की रेस में शामिल होने और परमाणु हथियारों के निर्माण के लिए नहीं है। यह परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल के लिए है।

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