NRC मुद्दे पर संसद में प्रदर्शन के दौरान गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रोहिंग्या को लेकर दिया बड़ा बयान

असम में एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स) के ड्राफ्ट को लेकर आज संसद के दोनों सदनों में हंगामे के आसार हैं। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी और टीएमसी के सौगत रॉय ने लोकसभा में एनआरसी ड्राफ्ट को लेकर स्थगन प्रस्ताव दिया है। वहीं संसद की कार्यवाही से पहले भाजपा संसदीय दल बोर्ड की बैठक हुई जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और धर्मेंद्र प्रधान सहित कई मंत्री मौजूद रहे।NRC मुद्दे पर संसद में प्रदर्शन के दौरान गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रोहिंग्या को लेकर दिया बड़ा बयान

बता दें कि नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन का दूसरा ड्राफ्ट सोमवार को आया था। जिसकी वजह से विपक्षी पार्टियों ने सरकार को आड़े हाथ लिया था। कांग्रेस ने कल ही कहा था कि वह इस मसले को संसद में उठाएंगे। कांग्रेस सांसद ने इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सदन में आकर इसपर बात रखने के लिए कहा था। वहीं ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि कुछ लोगों का नाम सूची से उनके सरनेम के आधार पर हटाया गया था।

एनआरसी मामले को लेकर संसद भवन के परिसर में तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। वहीं लोकसभा में सांसद के सवालों पर गृहमंत्री ने कहा, रोहिंग्या शरणार्थियों को राज्य सरकारें देश से बाहर कर सकती हैं। म्यांमार भेजने पर सरकार प्रक्रिया शुरू करेगी। रोहिंग्या पर सरकार ने दिशा-निर्देश जारी की हैं। 

सोमवार को एनआरसी मामले पर सरकार का पक्ष रखते हुए राजनाथ सिंह ने कहा था कि सभी जानते हैं कि इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है। सब कुछ सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हुआ है। यह ड्राफ्ट सूची है, अंतिम सूची नहीं। कुछ लोग अनावश्यक रूप से भय का माहौल पैदा कर रहे हैं। जिनका नाम रजिस्टर में दर्ज नहीं है उन्हें अभी कई स्तर पर अपनी नागरिकता साबित करने के विकल्प हैं। ऐसे लोग न्यायाधिकरण में जा सकते हैं। जिनका नाम सूची में नहीं है उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।

विपक्ष के सरकार पर धार्मिक आधार पर बंटवारे की राजनीति के आरोपों पर भी गृह मंत्री ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि मैं पूरे सदन को इस पूरी प्रक्रिया में सरकार के हाथ होने की बात साबित करने की चुनौती देता हूं। सभी जानते हैं कि इसमें केंद्र की कोई भूमिका नहीं है। सारा कुछ सुप्रीम कोर्ट के निर्देश और निगरानी में हो रहा है। ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए।

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