NPS से आंशिक निकासी करना चाहते हैं आप, तो ये 5 बातें जाननी चाहिए

 सरकार अब कुछ शर्तों के तहत एनपीएस या नेशनल पेंशन सिस्टम से मैच्योरिटी पूर्व निकासी की अनुमति देती है। एनपीएस सब्सक्राइबर्स को नेशनल पेंशन स्कीम से तीन बार आंशिक निकासी की सुविधा मिलती है। इसमें से प्रत्येक निकासी योगदान के 25 फीसद हिस्से से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। एनपीएस खाते से आंशिक निकासी नियोक्ता की ओर से किए गए योगदान को कम कर देती है।

नेशनल पेंशन सिस्टम या एनपीएस के बारे में 5 बातें जो आपको जाननी चाहिए:

सरकार एनपीएस के अंतर्गत दो तरह के खाते खोलने की सुविधा देती है। टियर-1 और टियर-2। एनपीएस का टियर-1 अकाउंट पेंशन अकाउंट होता है, जबकि टियर-2 अकाउंट सेविंग अकाउंट होता है।
सरकार एनपीएस के टियर-1 खाते से तीन वर्ष बाद आंशिक निकासी की अनुमति देती है। ये तीन वर्ष ज्वाइनिंग से गिने जाते हैं। यह सुविधा 10 अगस्त 2017 से प्रभावी है। इससे पहले टियर-1 खाते से आंशिक निकासी के लिए सब्सक्राइबर्स को 10 वर्ष का इंतजार करना होता था।
हालांकि एनपीएस के टियर-2 खाते से निकासी पर कोई प्रतिबंध लागू नहीं है।
सरकार ने एनपीएस से टियर-1 खाते से आंशिक निकासी की अवधि को कम कर दिया है। सरकार ने यह फैसला सब्सक्राइबर्स अचानक वित्तीय जरूरतों की संभावना को देखते हुए किया है।
10 अगस्त 2017 से दो आंशिक निकासियों के बीच के 5 वर्ष के अनिवार्य अंतराल को भी खत्म कर दिया है। इसका मतलब यह हुआ कि एनपीएस के टियर-1 खाते से 25 फीसद आंशिक निकासी के लिए 5 वर्ष के अंतराल की अनिवार्यता अब नहीं है।

गौरतलब है कि सरकार ने पिछले साल दिसंबर महीने ही एनपीएस में अपने योगदान को 10 फीसद से बढ़ाकर 14 फीसद कर दिया था। हालांकि इसमें सब्सक्राइबर्स की ओर से किया जाने वाला योगदान अभी भी 10 फीसद ही है। नेशनल पेंशन सिस्टम सरकार द्वारा संचालित एक पेंशन स्कीम है जिसकी शुरुआत जनवरी 2004 में की गई थी। वर्ष 2009 में एनपीएस को हर वर्ग के लिए खोल दिया गया था।

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