आ गई हैं ऐसी तकनीक, अब मरीज के पेट में टेबलेट जाते ही डॉक्टरों को मिल जाएगा ये सन्देश

कहते हैं कि डॉक्टर भगवान् का रूप होता हैं, जो मरीज को एक नई जिन्दगी प्रदान करता हैं. लेकिन कभी कभी कुछ ऐसी बीमारियाँ मरीज को हो जाती हैं जिससे निजात दिलाना डॉक्टर के बस की भी बात नहीं होती. लेकिन अगर टेक्नोलोजी के उपयोग से अगर ऐसा हो जाए कि डॉक्टर अपने मरीज को देने वाली दवाइयों को देख सके तो फिर क्या हो. ऐसे ही एक डिजिटल ट्रेकिंग उपकरण की मंजूरी अमेरिकी नियामक ने दे दी हैं. इस उपकरण से डॉक्टर इस बात का पता लगा सकेगा मरीज सही समय पर दवाई ले रहा हैं कि नहीं.

क्या है ये तकनीक

दरअसल यह एक डिजिटल ट्रैकिंग उपकरण से युक्त टेबलेट हैं जिसकी सहायता से डॉक्टर अपने मरीज पर पूरी तरह नजर रख सकता है. और यह देख सकता हैं कि उसका मरिज समय पर दवाइयां ले रहा हैं की नहीं. गौरतलब हैं कि एबिलिफाई माईसाइट नामक इस टेबलेट का निर्माण शिजोफ्रेनिया, बायपोलर डिसआर्डर और अवसाद से ग्रस्त मरीजो की देख रेख के लिए किया गया हैं. इस टेबलेट में एक ऐसी तकनीक का उपयोग किया गया हैं जिसके द्वारा गोली के पेट में जाते ही डॉक्टर के पास में एक सन्देश पहुचता हैं, जो विभिन्न माध्यमो से होता हुआ डॉक्टर के मोबाइल फोन पर आता हैं.

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कैसे करता है काम

इस टेक्नोलोजी में उपयोग किया जाने वाला सेंसर आनाज का ही बना होता हैं , इसका अकार बालू के बराबर होता हैं. जैसे ही गोली पेट में जाती हैं और यह लिक्विड के संपर्क में आता हैं यह सेंसर एक्टिव हो जाता हैं. आपको बता दे कि यह सेंसर समय और दिनांक को रिकॉर्ड करता हैं, साथ ही में मरीज द्वारा की जाने वाली गतिविधियों को भी यह नोट करता हैं. जानकारो की माने तो यह दवा काफी फायदेमंद हो सकती हैं.

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