अब यूपी में सरकारी टीचर्स मोबाइल एप बनाकर सिखाएंगे टी‌चिंग के नए ट्रेंड

तकनीकी शिक्षा में डिग्री धारक सरकारी विद्यालयों के शिक्षक  बेसिक शिक्षा विभाग के लिए मोबाइल ऐप तैयार करेंगे। इस पर शिक्षकों के लिए शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। पढ़ाने के तरीके सीखने के अलावा शिक्षक अपनी समस्याओं को भी ऐप के माध्यम से रख सकेंगे।
अब यूपी में सरकारी टीचर्स मोबाइल एप बनाकर सिखाएंगे टी‌चिंग के नए ट्रेंडविभाग की मंशा सॉफ्टवेयर और मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार लाना है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने मोबाइल ऐप तैयार करने के लिए 25 शिक्षकों की एक टीम तैयार की है।

ये वो शिक्षक हैं जो बीटेक व एमसीए की पढ़ाई करने के बाद बीटीसी और बीएड कर सरकारी विद्यालयों में शिक्षक पद पर तैनात हैं। मोबाइल ऐप तैयार करने के लिए एससीईआरटी ने इन शिक्षकों को प्रशिक्षण देने का काम भी शुरू कर दिया है।

प्रशिक्षण 90 दिन का होगा। एससीईआरटी में इसी महीने बंगलुरू से आए विशेषज्ञ शिक्षकों को 30 घंटे का प्रशिक्षण दे चुके हैं। सर्व शिक्षा अभियान के संयुक्त निदेशक जय कुमार सिंह ने बताया कि ऐप के लिए सूचना एवं प्रौद्योगिकी विषय के तहत मॉड्यूल तैयार किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि मोबाइल ऐप डाउनलोड कर शिक्षण सामग्रियों को डाउनलोड कर सकते हैं। इससे पहले एससीईआरटी ई बुक्स व ई पोथी तैयार कर चुका है। यही नहीं समय-समय पर पढ़ाने के तरीकों में होने वाले बदलावों को भी वे ऐप के माध्यम से सीख सकेंगे।

इसके अलावा यदि किसी शिक्षक की शिकायत, समस्या व सुझाव हों तो भी ऐप के माध्यम से विभाग को दे सकता है। ऐप तैयार करने के लिए कई शिक्षकों के सुझाव मांगे गए थे। उनकी मांग के अनुसार ही इसे तैयार किया जाएगा।

कई अन्य एप तैयार करने की योजना
संयुक्त निदेशक अजय कुमार सिंह ने बताया कि इसके अलावा अन्य ऐप भी तैयार करने की योजना है। बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय विद्यालयों में संचालित मध्याह्न भोजन योजना की  सुचारू रूप से मॉनीटरिंग के लिए भी एक ऐप तैयार किया जाएगा।

इसके अलावा स्कूल के लिए होने वाली तमाम गतिविधियां, शैक्षिक कैलेंडर, नोटिस व आदेश के लिए भी एक ऐप तैयार होगा। खंड शिक्षा अधिकारियों के लिए भी एक ऐप तैयार करने की योजना है। विद्यालयों में शिक्षक कैसे पढ़ा रहे हैं, विद्यालय संचालित करने में लापरवाही तो नहीं बरती जा रही है, ऐेसे तमाम पहलुओं की मॉनीटरिंग के लिए भी ऐप तैयार किया जाएगा।

 
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