अब यूरिन के सैंपल से होगी कोरोना के लक्षणों की पहचान

कोविड-19 वायरस को लेकर दुनियाभर में नए-नए शोध हो रहे हैं। इसी कड़ी में प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भी कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए नया शोध हो रहा है। इस शोध में यूरिन जांच के जरिए कोरोना संक्रमण के पता लगाने की संभावना तलाशी जा रही है। माना जा रहा है कि जल्द चौंकाने वाले परिणाम सामने आ सकते हैं।

मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबॉयोलोजी विभाग में कोरोना संक्रमित के यूरिन को शोध की जांच प्रक्रिया में रखा गया है। इसके लिए करीब 50 संक्रमितों के यूरिन सैंपल को लिए गए हैं। शोध कर रहे विशेषज्ञों के अनुसार, शुरुआती लक्षण में यह संभव होता दिख रहा है।

एसआरएन के कोरोना नोडल अफसर डॉ सुजीत राय के अनुसार, यूरिन के जरिए कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए शोध किया जा रहा है। इसके लिए संक्रमितों के यूरिन सैंपल को शोध में शामिल किया गया है। यूरिन से कोरोना का पता चलेगा या नहीं, फिलहाल इसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। उम्मीद है कि जल्द सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।

मुंह व नाक का ही लेते हैं सैंपल : 
कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए अबतक एक ही जांच प्रक्रिया अपनाई जा रही है। संबंधित व्यक्ति के मुंह व नाक से ही सैंपल लिया जाता है। इसके आधार पर आई रिपोर्ट पर ही संक्रमण होने या न होने के बारे में बताया जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, मुंह व नाक से ठीक से सैंपल न लेने के कारण रिपोर्ट भी रुक जाती है।

तो खुद जाना जरूरी नहीं होगा : 
यूरिन की जांच से अगर कोरोना संक्रमितों के बारे में पता लगेगा तो पीड़ित को काफी आसानी होगी। अबतक मुंह व नाक से सैंपल लेने के कारण खुद जाना जरूरी होता था। अगर यूरिन से यह संभव हुआ तो जरूरी नहीं है कि संबंधित व्यक्ति खुद जांच कराने पहुंचे।

आंखों से भी संक्रमण का जताया था खतरा : 
मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में आंखों से कोरोना संक्रमण होने पर भी शोध किया जा रहा है। माना गया था कि आंखों से निकलने वाला तरल पदार्थ व आंसुओं में कोरोना संक्रमण का आरएनए पाया जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना था कि संक्रमित की आंखों से निकलने वाला तरल पदार्थ व आंसू नाक की नली व मुंह तक पहुंच जाते हैं। नाक व मुंह के जरिए वह दूसरे व्यक्ति को भी संक्रमित कर सकता है।

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