अब ऑनलाइन खरीदी गई चीजों पर भी दिखेगा MRP, हुआ अनिवार्य

ऑनलाइन सामान लेने के दौरान ई-रिटेलर्स को आपको हर उत्पाद की सारी जानकारी देनी होगी. ई-रिटेलर्स को 1 जनवरी से अपने प्री-पैकेज्ड उत्पाद पर MRP दिखाना अनिवार्य हो गया है. सिर्फ अध‍िकतम खुदरा मूल्य ही नहीं, बल्क‍ि उन्हें उत्पाद से जुड़ी अन्य जरूरी जानकारी भी दिखाना जरूरी होगा. इसमें उत्पाद की एक्सपायरी डेट, कस्टमर केयर का ब्यौरा समेत अन्य चीजें शामिल हैं.

अब ऑनलाइन खरीदी गई चीजों पर भी दिखेगा MRP, हुआ अनिवार्य

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने इसके लिए विधि मापिकी (पैकेटबंद सामग्री) नियम में जून, 2017 में संशोधन किया था.  इस संशोधन को अपनाने के लिए कंपनियों को 31 दिसंबर तक 6 महीनों का समय दिया गया था. मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि यह संशोधन ग्राहकों के हितों की रक्षा के खातिर किया जा रहा  है.

इस संशोधन के लागू होने के बाद ये हर ई-कॉमर्स प्लैटफॉर्म के लिए अन‍िवार्य हो गया है कि वह अपने प्लैटफॉर्म पर बेचे जाने वाले उत्पाद पर नियमों के तहत उसका पूरा ब्यौरा दे. ई-रिटेलर को एमआरपी के अलावा कंपनियों के विनिर्माण की तारीख, एक्सपायरी डेट, देश और कस्टमर केयर समेत अन्य जानकारी का ब्योरा भी देना होगा.

केंद्र सरकार को ऑनलाइन बिकने वाले उत्पादों पर जरूरी सूचनाएं न होने की श‍िकायतें मिली थीं. इसके बाद ही सरकार ने यह संशोधन किया. केंद्र सरकार ने साफ किया है कि अगर कंपनी छूट देकर भी कोई उत्पाद बेच रही है, तो उस पर भी MRP दिखाना जरूरी है. जो कंपनी इस नियम को नहीं अपनाएगी, उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है. उसे जेल की सजा भी हो सकती है.

 लीगल मैट्रोलोजी (पैकेज्ड कमोडिटीज) संशोधित नियम, 2017 में पैकेज्ड कमोडिटीज को अध‍िसूचित करने की व्यवस्था की गई है. इसके लिए इसमें साफ किया गया है कि प्री-पैकेज्ड कमोडिटी पर एक्सपायरी डेट, एमआरपी और मैन्युफैक्चरर्स डिटेल समेत उत्पाद से जुड़ी अन्य जानकारी मौजूद होनी चाहिए.  

ई-कॉमर्स कंपनियों को भी अब इस दायरे में ला दिया गया है. दरअसल ई-कॉमर्स कंपनियों के ख‍िलाफ लगातार श‍िकायतें आ रही थीं. इन श‍िकायतों में इन पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया जा रहा था.

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