भीड़ हिंसा से निपटने के लिए अब ड्रोन करेगा खुजली वाली बारिश
October 6, 2018
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सरकार से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक सभी के लिए चिंता का सबब बनी भीड़ हिंसा से निपटने के लिए जल्द ही पुलिस और सुरक्षा कर्मियों को नए और अचूक हथियार मिलेंगे। दिल्ली के प्रगति मैदान में शुक्रवार से शुरू हुए डिफेंस एक्सपो में एक खास हथियार ‘पेपर ड्रोन’ को प्रदर्शित किया गया है, जो भीड़ को भगाने के लिए खुजली वाली बारिश करता है। इससे चंद मिनटों में ही हजारों की भीड़ को खदेड़ा जा सकेगा और पीड़ित की जान बचाई जा सकेगी।
हथियारों की इस प्रदर्शनी को देखने के लिए सीआईएसएफ, बीएसएफ के अलावा यूपी, हरियाणा व अन्य राज्यों की पुलिस के प्रतिनिधि दिल्ली पहुंचे हैं। एसआरजी कंपनी के एजीएम अभिनव आनंद ने बताया कि कश्मीर सहित पूरे देश में इस वक्त मॉब लिंचिंग सुरक्षा कर्मियों की बड़ी चुनौती बनी हुई है। इसीलिए उनकी कंपनी ने पेपर लिंचिंग ड्रोन सहित कई हथियार तैयार किए हैं। करीब 85 लाख रुपये की कीमत वाले इस ड्रोन में 10 लीटर पानी का टैंक है। दो बैटरी और आठ पंखुड़ियों की मदद से ये 50 मीटर की ऊंचाई पर जाकर भीड़ पर हल्की बारिश करेगा।
इसके पानी में खास रसायन मिश्रित होगा, जो इंसान की त्वचा पर गिरते ही बैचेन करने वाला होगा और उसे भागने पर मजबूर कर देगा। ऐसा ही एक हथियार है रोबोटिक प्लेटफॉर्म। रिमोट के जरिये 100 मीटर तक जाने वाले इस प्लेटफॉर्म पर एक गन लगी है, जिससे निकलने वाली प्लास्टिक की गोलियां भीड़ को खदेड़ देगी। करीब 25 लाख की कीमत वाले इस हथियार को सीआईएसएफ और आरएएफ की सिफारिश पर तैयार किया गया है।
मिर्ची के पौधे से निकले रसायन से बनाई गोली
इसके अलावा एक अत्याधुनिक गन है, जिसमें प्लास्टिक की गोलियों से भीड़ को भगाया जाता है। इन गोलियों में मिर्ची के पौधे से निकले रसायन का इस्तेमाल किया है। आमतौर पर मिर्ची के पौधे में छह तरह के रसायन होते हैं और इन्हीं में से एक होता है पावा। इस पावा की गोलियों को गन के जरिये भीड़ पर छोड़ा जाता है। शरीर पर टकराते ही गोली फट जाती है और उसमें से निकला पाउडर हवा के संपर्क में आकर इंसान को विचलित कर देता है।
हरियाणा में जातीय दंगों में इसी पावा का इस्तेमाल किया गया था। इसकी कीमत करीब 15 लाख रुपये है। सूत्रों के मुताबिक आंसू गैस से बचने के लिए कश्मीर में पत्थरबाज अपने मुंह पर गीला कपड़ा या प्याज काटकर लगा लेते हैं, जिनसे ओसी, सीएस और सीएन जैसे रसायनों का असर कम होता है और आंसू गैस का प्रभाव नहीं पड़ता, लेकिन पावा की गोलियों का तोड़ अब तक किसी के पास नहीं है।
ताज कांड से सबक लेने के बाद बनाई गेंद एसआरजी के ही अश्विनी कुमार ने बताया कि मुंबई ताज होटल पर हुए हमले के बाद उनकी कंपनी ने एक ऐसी गेंद और रोबोट तैयार किया है, जिसे ऑपरेशन के दौरान कमरे में फेंकने से अंदर की सभी तस्वीरें बाहर जवान को मिल सकती हैं। इन दोनों ही उपकरण की कीमतें करीब 15-15 लाख रुपये है। गेंद में दो कैमरे लगे हैं, जो जमीन से लेकर छत तक की तस्वीरें अंधेरे में भी कैद कर सकते हैं। इसके जरिये कानाफूसी की आवाज तक एनएसजी कमांडो को सुनाई देगी। पठानकोट सहित कई बड़े ऑपरेशन में कमांडो इसका इस्तेमाल कर चुके हैं।