नूरपुर उपचुनाव: बीजेपी को टक्‍कर देने साथ आए अखिलेश और जयंत

लखनऊ: उत्तर प्रदेश केे कैराना और नूरपुर उपचुनाव में होने वाले उपचुनाव को लेकर विपक्ष बीजेपी के खिलाफ एकजुट होता नजर आ रहा है. शुक्रवार (04 मई) को अखिलेश यादव और जयंत चौधरी की बैठक में कैराना और नूरपुर उपचुनाव को लेकर बैठक हुई. जानकारी के मुताबिक, आरएलडी और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन को लेकर समझौता हो गया है और उपचुनाव में सीटें भी बंट गई हैं. शनिवार (05 मई) को मायावती की हरी झंडी मिलने के बाद इसका औपचारिक ऐलान हो सकता है. आपको बता दें कि अखिलेश यादव से मिलने जब जयंत चौधरी उनके घर पहुंचे तभी इस बात के कयास लगने शुरू हो गए थे कि इस उपचुनाव में दोनों के बीच कोई न कोई समझौता होने जा रहा है. 

नूरपुर उपचुनाव: बीजेपी को टक्‍कर देने साथ आए अखिलेश और जयंत

क्यों हुआ था मतभेद…

कैराना में लोकसभा सीट और नूरपुर विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव होना है. आपको बता दें कि आरएलडी जयंत चौधरी के लिए कैराना सीट मांग रही थी, लेकिन समाजवादी पार्टी ने यह ऐलान कर दिया था कि वो न सिर्फ कैराना बल्कि नूरपुर में भी अपना उम्मीदवार देगी. इसके बाद ही इन दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन लगभग टूट के कगार पर था. सूत्रों के मुताबिक, दोनों नेताओं ने मुलाकात के बाद पार्टी के हित में फैसला लिया है. 

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सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार को हुई बैठक के बाद अखिलेश यादव और जयंत चौधरी ने अपने मतभेदों को दूर किए. बीजेपी के खिलाफ एकजुट दिखाते हुए होने वाले उपचुनावों के लिए दोनों ने अभी अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है, लेकिन सीटों की दावेदारी तय कर दी है. 

अब क्या करेगी कांग्रेस?

सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव और आरएलडी नेती जयंत चौधरी की शुक्रवार (4 मई) को हुई मुलाकात के बाद कांग्रेस यूपी में अलग-थलग पड़ गई है. आपको बता दे कि कांग्रेस ने आरएलडी के उम्मीदवार को कैराना में समर्थन देने का ऐलान किया था. अब कयास ये लगाए जा रहे हैं कि अगर आरएलडी ने कैराना सीट छोड़ दी, तो कांग्रेस क्या करेगी.

 
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