NIT शिफ्टिंग के मामले में हाईकोर्ट ने तीन सप्ताह में मांगा जवाब
मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार कॉलेज के पूर्व छात्र जसवीर सिह ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि एनआईटी को बने नौ वर्ष हो गए हैं लेकिन अब तक इसे स्थायी कैंपस नहीं मिला। इसे लेकर विद्यार्थी लंबे समय से स्थायी कैंपस की मांग कर रहे हैं। सरकार है कि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है।
याचिका में कहा गया कि जिस जगह छात्र पढ़ रहे हैं वह बिल्डिंग भी जर्जर स्थिति में है। वहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। याचिकाकर्ता का कहना है कि वहां 50 छात्रों के लिए सिर्फ एक बाथरूम है। याची ने मांग की कि हादसे में घायल हुई एनआईटी की छात्रा नीलम के इलाज पर हो रहे खर्च को केंद्र और राज्य वहन करे।
याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को यह भी बताया गया कि इस संबंध में 20 जून 2016 को उनके द्वारा एक पत्र सरकार को भेजा गया था, जिसके बाद उन्होंने सुमाड़ी में एक जगह बताई है लेकिन वह जगह भी योग्य नहीं है। पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार और एनआईटी को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।