NGT अध्यक्ष पर NDA में रार, SC/ST एक्ट पर फैसला देने वाले जज को ‘इनाम’ से बवाल

एससी-एसटी एक्ट के प्रावधानों में बदलाव का फैसला देने वाले सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस एके गोयल की एनजीटी अध्यक्ष नियुक्ति मामले में मोदी सरकार की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है. एनडीए के सहयोगी दल खुलकर इस मुद्दे पर सामने आ गए हैं और मोदी सरकार के फैसला का विरोध कर रहे हैं. रामविलास पासवान की जोकजनशक्ति पार्टी, रामदास अठावले की पार्टी आरपीआई के बाद अब बिहार में एनडीए के सहयोगी उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा ने सार्वजनिक तौर पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए जस्टिस गोयल को तत्काल एनजीटी अध्यक्ष पद से हटाने की मांग की है.NGT अध्यक्ष पर NDA में रार, SC/ST एक्ट पर फैसला देने वाले जज को 'इनाम' से बवाल

इतना ही नहीं इस मुद्दे को लेकर बीजेपी के दलित सांसद भी अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं. केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि एससी-एसटी एक्ट पर जस्टिस गोयल के फैसले से उपेक्षित वर्ग बहुत नाराज है. गोयल की एनजीटी अध्यक्ष की नियुक्ति से लोगों में गलत संदेश गया है. एनजीटी के चेयरमैन पद से उन्हें हटाने की मांग का मैं समर्थन करता हूं.

खुलकर बोल चुके हैं रामदास अठावले
इससे पहले एनडीए के सहयोगी रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के वरिष्ठ नेता और सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कहा था कि जस्टिस गोयल ने एससी-एसटी अत्याचार निरोधक कानून पर गलत फैसला दिया था. मैं नहीं समझता कि उन्हें एनजीटी का अध्यक्ष नियुक्त किया जाना चाहिए था. मैं एनडीए का हिस्सा हूं, लेकिन मैं उन्हें पद से हटाने की मांग करता हूं. उन्होंने दलितों की भावनाओं को आहत किया है. अठावले ने कहा कि विभिन्न दलित सांसदों ने पहले से ही नियुक्ति का विरोध किया है. वह प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इस मुद्दे को उठाने की बाद कर चुके हैं.

लोजपा ने किया विरोध
रामविलास पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने एनजीटी के अध्यक्ष ए के गोयल को पद से हटाने की मांग की थी. पार्टी सांसद और रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान ने कहा था कि पार्टी के भीतर कई लोगों का संयम अब कमजोर हो रहा है क्योंकि दलितों एवं आदिवासियों को लेकर चिंताएं सामने आ रही हैं. चिराग पासवान ने कहा था कि उनकी पार्टी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम के मूल प्रावधानों को बहाल करने के लिए अध्यादेश लाने की मांग पिछले चार महीने से कर रही है लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया.

9 अगस्त को भारत बंद
गौरतलब है कि एनजीटी के अध्यक्ष पूर्व न्यायमूर्ति ए.के. गोयल सुप्रीम कोर्ट के उन 2 जजों में शामिल थे, जिन्होंने 20 मार्च को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम के संबंध में फैसला दिया था कि इस एक्ट में तत्काल गिरफ्तारी न की जाए. साथ ही इस एक्ट के तहत दर्ज होने वाले केसों में अग्रिम जमानत मिले. पुलिस को सात दिन में जांच करनी चाहिए. सरकारी अधिकारी की गिरफ्तारी अपॉइंटिंग अथॉरिटी की मंजूरी के बिना नहीं की जा सकती. ए.के. गोयल जुलाई में रिटायर हुए. केंद्र सरकार ने उन्हें पांच साल के लिए एनजीटी का अध्यक्ष नियुक्त किया है. अखिल भारतीय आंबेडकर महासभा के बैनर तले दलित संगठनों ने नौ अगस्त को ‘भारत बंद’ आयोजित करने का आह्वान किया है ताकि वे अपनी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बना सकें.

Back to top button