दिल्ली-NCR में लोकल ट्रेन की जगह फर्राटा भरेंगी नमो भारत
दिल्ली-एनसीआर के बीच लोकल ट्रेनों में रोजाना सफर करने वाले रेल मुसाफिरों के लिए बड़ी खुशखबरी है। रेल प्रशासन आने वाले दिनों में पुरानी डेमू और मेमू ट्रेनों की जगह वातानुकूलित नमो भारत रैपिड रेल चलाने जा रहा है। करीब 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से मुसाफिर पहले से कम समय में अपनी मंजिल पर पहुंच सकेंगे और न तो गर्मी के थपेड़े सहने पड़ेंगे और न ही ठंड कंपकंपाएगी।
रेल अधिकारियों के मुताबिक, सोमवार को अहमदाबाद-भुज के बीच पहली नमो भारत रैपिड रेल चलने के बाद जल्द ही इस ट्रेन को दिल्ली-एनसीआर के रेल ट्रैक पर भी उतारा जाएगा। इसका सीधा फायदा दैनिक यात्रियों को होगा। फिलहाल इसके रूट की मैपिंग की जा रही है। वंदे भारत ट्रेन की तर्ज पर यह ट्रेन सप्ताह में छह दिन चलाने की योजना है। हालांकि, इस ट्रेन से सफर करने के लिए थोड़ी जेब जरूर ढीली होगी और संभवत: शुरुआती दिनों में पास की सुविधा इस ट्रेन में नहीं मिले।
50 किमी की यात्रा का खर्च 60 रुपये
इस ट्रेन से अगर आप 50 किलोमीटर की यात्रा करेंगे तो बेस चार्ज 60 रुपये देना होगा। इससे ऊपर हर किलोमीटर पर 1.20 रुपये का मूल किराया बढ़ जाएगा। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि मुंबई में चलने वाले एसी सबअर्बन ट्रेन से इसका किराया सस्ता और लोकल ट्रेनों से महंगा होगा। यह ट्रेन 12 कोच वाली होगी और 1,150 यात्री बैठकर यात्रा करेंगे। दिल्ली मेट्रो की तरह ही खड़े होकर यात्रा करने की भी सुविधा यात्रियों को मिलेगी।
कवच प्रणाली से लैस
अगर दिल्ली-रेवाड़ी के बीच पहली ट्रेन उतारी जाती है तो इस ट्रेन का सफर सुरक्षित और संरक्षित होगा क्योंकि इस रूट को कवच प्रणाली से लैस किया जा रहा है। लिहाजा दो ट्रेनों की एक ही ट्रैक पर टक्कर की आशंका खत्म हो जाएगी। यात्रा में भोजन का आनंद यात्री ले सकेंगे। दिल्ली मेट्रो ट्रेनों के समान डबल-लीफ स्वचालित स्लाइडिंग दरवाजे लगाए गए है।
महिला स्पेशल की जरूरत नहीं होगी
दिल्ली आसपास के लिए अभी महिला स्पेशल ट्रेन चलती है। इसके लिए कामकाजी महिलाओं को काफी इंतजार करना पड़ता है। नमो भारत रैपिड रेल के पटरी पर आने से महिलाओं को खासी सहूलियतें होंगी। इस ट्रेन में अलग से महिला कोच सुरक्षित किया जाएगा। अहमदाबाद-भुज वाली ट्रेन में शौचालय की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। जबकि ज्यादातर मेमू व डेमू ट्रेनों में शौचालय नहीं होने से यात्रियों को परेशान होना पड़ता है।