नेपाल ने बिम्सटेक के सैन्य अभ्यास में शामिल न होने को लेकर भारत ने जताई नाराजगी
इसपर विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई है। नेपाल ने पहले बिम्सटेक देशों के पहले सैन्य अभ्यास में हिस्सा लेने से मना किया है। एक सरकारी अधिकारी ने पहचान न बताने की शर्त पर कहा कि नेपाल का शामिल होना अब दूसरे देशों के कंफर्ट लेवल पर निर्भर करता है। आर्मी प्रवक्ता वे बताया कि इस सैन्य अभ्यास का उद्देश्य काउंटर आतंकवाद की योजना और संचालन में बिम्सटेक देशों का सहयोग बढ़ाना है।
ये देश हैं बिम्सटेक के सदस्य
बे ऑफ बंगाल इनीशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकनॉमिक को-ऑपरेशन (बिम्सटेक) एक क्षेत्रीय संगठन है। इसके सदस्य देश भारत, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, भूटान और नेपाल हैं। सभी देश अपनी थल सेनाओं को छह दिवसीय अभ्यास के लिए भेज रहे हैं। सभी 30-30 सदस्यों का दस्ता भेजेंगे।
इसलिए किया सेना को मना
स्थानीय मीडिया में आई खबरों के मुताबिक नेपाली सरकार ने सेना को इसलिए मना किया क्योंकि इसमें हिस्सा लेने के फैसले से पहले कोई सहमति कायम नहीं हो पाई थी। ओली के प्रेस सलाहकार से जब बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि सरकार ने ही सेना को अभ्यास में हिस्सा न लेने के लिए कहा है। वहीं एक सैन्य अधिकारी का भी यही कहना है कि उन्हें कोई औपचारिक निर्देश प्राप्त नहीं हुआ। लेकिन सेना को भारत जाने से रोक दिया गया। अभ्यास की तैयारी के लिए तीन अधिकारी तो पहले ही रवाना हो चुके हैं। वह भी अब जल्द लौटेंगे। इससे पता चलता है कि सरकार ने ये फैसला ऐन वक्त पर लिया है। इसपर नई दिल्ली में नेपाल के दूतावास ने अभी तक कोई बयान नहीं दिया है।