नवजोत सिद्धू की पॉलिसी दरकिनार कर बाजवा लाएंगे ये नई पॉलिसी
लुधियाना। स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की अगुवाई में बनी कमेटी ने अवैध कालोनियों को रेगुलर करवाने के लिए पॉलिसी बनाई थी। पॉलिसी लागू होते ही कॉलोनाइजरों ने इसका विरोध करना शुरू किया। अब सिद्धू की बनाई पॉलिसी को दरकिनार करके आवास एवं शहरी विकास मंत्री तृप्त रजिंदर बाजवा नई पॉलिसी लाएंगे।
नई पॉलिसी में कालोनाइजरों को छूट देने के साथ-साथ सबसे बड़ी राहत अवैध कॉलोनियों में प्लाट खरीदने वालों को मिलने वाली है। कालोनाइजरों ने मांग रखी थी कि नई पॉलिसी में प्लाट होल्डरों से प्लाट रेगुलर करवाने को न कहा जाए। जिसे मंत्री तृप्त बाजवा ने मान लिया है। मंत्री अगर इस मांग को पॉलिसी में शामिल कर लेते हैं तो राज्यभर की 10 हजार से अधिक अवैध कॉलोनियों में प्लाट खरीदने वालों को राहत मिल जाएगी।
पंजाब सरकार ने 20 अप्रैल 2018 को कालोनी रेगुलराइजेशन पॉलिसी का नोटिफिकेशन किया था, लेकिन पॉलिसी में ऐसे प्रावधान थे जिन्हें कालोनाइजरों के लिए पूरा करना संभव नहीं था। सबसे बड़ी दिक्कत यह थी कि कालोनाइजरों के साथ साथ प्लाट होल्डर को अपने प्लाट रेगुलर करवाने थे। प्लाट होल्डर तब तक अपना प्लाट रेगुलर नहीं करवा सकते थे जब तक कि कालोनी रेगुलर न हो जाए। जिसकी वजह से एक भी कालोनाइजर ने कालोनी रेगुलर करवाने के लिए आवेदन नहीं किया। जिसकी वजह से पुरानी पालिसी को रद करके सरकार नई पालिसी लाने जा रही है। जिसका ड्राफ्ट लगभग तैयार है।
कैबिनेट मंत्री तृप्त बाजवा ने कहा कि कालोनाइजरों के साथ इस संबंध में कई बैठकें हो चुकी हैं। उनकी कुछ डिमांड रह गई थी उनको शामिल करने के लिए लुधियाना में पंजाब कालोनाइजर एसोसिएशन के साथ बैठक रखी थी। उन्होंने कहा कि प्लाट होल्डर को रिलीफ देने की मांग जायज है। इसे ड्राफ्ट में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ड्राफ्ट मंगलवार तक तैयार करके मुख्यमंत्री कैप्टन अमङ्क्षरदर सिंह के पास चले जाएगा और अगली कैबिनेट बैठक में इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कालोनाइजरों की जायज मांगों को दूर कर दिया गया है।
निकाय मंत्री से भी करेंगे बात
नगर निगम क्षेत्र में नई पॉलिसी लागू होगी या नहीं इस पर मंत्री का कहना है कि वह इस संबंध में स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू से बात करेंगे। मंत्री ने कहा कि 6 हजार के करीब अवैध कालोनियां पुडा क्षेत्र में हैं जबकि 4 से 5 हजार कालोनियां नगर निगम और नगर कौंसिलों के क्षेत्र में हैं। उन्होंने कहा कि 20 अप्रैल को जारी की गई पॉलिसी में कुछ बदलाव किया गया है।