नायडू बोले- न्याय की आस में BJP के साथ किया था गठबंधन
नायडू ने यह भी कहा कि आंध्र प्रदेश विभाजन ऐक्ट के तहत किए गए सभी 19 वादों का सम्मान होना चाहिए। राज्यपाल के संबोधन का जवाब देते हुए उन्होंने कहा- टीडीपी और भाजपा का गठबंधन था। इसके बावजूद केंद्र ने राज्य के प्रति अपने अपेक्षित समर्थन का विस्तार नहीं किया जो विभाजन की वजह से काफी भार सह रहा है। राज्य के साथ हुए अन्याय पर पछतावा करते हुए उन्होंने बताया- स्थान के आधार पर परिसंपत्तियां दी गईं जबकि ऋण जनसंख्या के आधार पर बांटे गए। बिजली का वितरण खपत के आधार पर किया गया। नायडू ने कांग्रेस को अन्याय के लिए जिम्मेदार ठहराया और कहा कि उन्होंने भाजपा के साथ गठबंधन न्याय की आस में किया था।
नायडू ने कहा- मैं देश का सबसे वरिष्ठ राजनेता हूं। मैं अपने राज्य के विकास के लिए कड़ी मेहनत कर रहा हूं और मैं ऐसी ही उम्मीद केंद्र सरकार से अपने राज्य के लिए करता हूं लेकिन केंद्र के उदासीन रवैये से दुखी हूं। उन्होंने कहा कि मैंने चार सालों तक इंतजार किया। राज्य को विकसित करने के लिए हम नए प्रस्ताव लाए और यहां विदेशी कंपनियों को निवेश करने के लिए आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि उनकी कड़ी मेहनत और राज्य की प्रगति को केंद्र से झटका लगा है।